नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने विश्व लिवर डे के अवसर पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी वजन घटाने की प्रेरक यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि मई 2020 से उन्होंने अपनी जीवनशैली में बदलाव किए, जिसके चलते वह पूरी तरह से एलोपैथिक दवाओं और इंसुलिन से मुक्त हो गए। शाह ने युवाओं से दो घंटे व्यायाम और छह घंटे की नींद को प्राथमिकता देने की अपील की, ताकि वे स्वस्थ रहकर देश के विकास में योगदान दे सकें।
दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलियरी साइंसेज (ILBS) में आयोजित इस कार्यक्रम में शाह ने कहा, “पर्याप्त नींद, शुद्ध पानी, संतुलित आहार और नियमित व्यायाम ने मेरी जिंदगी बदल दी। मैं पिछले साढ़े चार साल से बिना दवाओं के स्वस्थ हूं।” उन्होंने बताया कि इन बदलावों से उनकी कार्यक्षमता, सोच और निर्णय लेने की क्षमता में सुधार हुआ। शाह ने 20 किलो से अधिक वजन कम किया और मधुमेह को भी नियंत्रित किया।
शोध नऔर उपचार के लिए समर्थन देने की अपील
शाह ने जोर देकर कहा कि लिवर शरीर का महत्वपूर्ण अंग है, जो पुनर्जनन की अद्भुत क्षमता रखता है। उन्होंने लोगों से लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने का संकल्प लेने को कहा। उन्होंने कॉरपोरेट्स से लिवर स्वास्थ्य पर ध्यान देने और इस क्षेत्र में शोध और उपचार के लिए समर्थन देने की अपील की।
शाह ने ILBS में एकीकृत लिवर पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन किया
इस दौरान शाह ने ILBS में एकीकृत लिवर पुनर्वास केंद्र का उद्घाटन किया और लिवर स्वास्थ्य पर आधारित एक कार्टून गैलरी का दौरा किया। उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “मैं कार्टून का आनंद लेता हूं, खासकर मेरे ऊपर बने हुए।” उन्होंने ILBS निदेशक डॉ. एस. सरीन की जागरूकता पहल की सराहना की।
शाह ने मोदी सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं जैसे उज्ज्वला योजना, खेलो इंडिया, फिट इंडिया और स्वच्छ पेयजल पहल का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि 2014 में 37,000 करोड़ रुपये का स्वास्थ्य बजट अब 1.27 लाख करोड़ रुपये हो गया है। उनकी यह कहानी और सलाह युवाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।