तेहरान। इजरायल और ईरान के बीच छठे दिन भी सैन्य संघर्ष जारी रहा, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर मिसाइल हमले तेज कर दिए। ईरान की इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने तेल अवीव पर फतह-1 हाइपरसोनिक मिसाइल दागी, जो इस संघर्ष में पहली बार इस्तेमाल हुई। तेल अवीव में सुबह-सुबह मिसाइल हमलों के बाद विस्फोटों की खबरें आईं, जबकि इजरायल ने तेहरान के पास सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए।
ईरान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, शुक्रवार से शुरू हुए इजरायली हमलों में 585 लोग मारे गए और 1,326 घायल हुए, जबकि इजरायल में ईरानी हमलों से 24 लोगों की मौत और 1,300 से अधिक लोग घायल हुए। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने बताया कि ईरान ने तेल अवीव पर 400 से अधिक मिसाइलें और सैकड़ों ड्रोन दागे हैं।
अमेरिका के संघर्ष में शामिल होने की अटकलें तेज
इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तेहरान पर हमले की संभावना पर विचार शुरू किया, जिससे अमेरिका के संघर्ष में शामिल होने की अटकलें तेज हो गईं। ट्रंप ने G7 शिखर सम्मेलन को बीच में छोड़कर राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई। उन्होंने सोशल मीडिया पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई को आसान निशाना बताते हुए बिना शर्त आत्मसमर्पण की मांग की।
ईरान ने कहा- अमेरिका के आने से होगी अपूरणीय क्षति
ईरान के सर्वोच्च नेता ने जवाब में कहा कि इजरायल ने बड़ी गलती की और अमेरिकी हस्तक्षेप से अपूरणीय क्षति होगी। तेहरान में भारी ट्रैफिक के बीच लाखों लोग शहर छोड़ रहे हैं। इजरायल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े ठिकानों, जैसे नतांज और फोर्डो, पर हमले किए, जिससे वैश्विक तनाव बढ़ गया है। रूस ने अमेरिका को चेतावनी दी कि ईरान पर हमला क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकता है।