एक हफ्ते पहले घायल हुई 8 वर्षीय मादा चीता की कुनो नेशनल पार्क में हुई मौत, शिकार के दौरान लगी थी चोट

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में 8 वर्षीय मादा चीता नभा की शनिवार, 12 जुलाई को चोटों के कारण मृत्यु हो गई। चीता प्रोजेक्ट के फील्ड डायरेक्टर उत्तम शर्मा के अनुसार, नभा को एक सप्ताह पहले शिकार के प्रयास के दौरान अपनी सॉफ्ट रिलीज बाड़े में गंभीर चोटें आई थीं। उसके बाएं पैर की उलना और फिबुला हड्डियों में फ्रैक्चर के साथ अन्य चोटें थीं। एक सप्ताह तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा इलाज के बावजूद नभा ठीक नहीं हो सकी। मृत्यु का सटीक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलेगा।

नभा को सितंबर 2022 में नामीबिया से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था, जो भारत के महत्वाकांक्षी चीता पुनर्वास परियोजना का हिस्सा था। इस परियोजना के तहत 20 अफ्रीकी चीतों को दो चरणों में लाया गया थाआठ नामीबिया से और 12 दक्षिण अफ्रीका से। नभा की मृत्यु के बाद, कूनो में अब 26 चीते बचे हैं, जिनमें 9 वयस्क (6 मादा, 3 नर) और 17 भारत में जन्मे शावक शामिल हैं। शर्मा ने बताया कि बाकी चीते स्वस्थ हैं, और 16 चीते जंगल में स्वतंत्र रूप से विचरण कर रहे हैं, जो पार्क के पारिस्थितिकी तंत्र के साथ अच्छी तरह घुलमिल गए हैं।

हाल ही में सभी चीतों को परजीवी-रोधी दवा दी गई

रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में सभी चीतों को परजीवी-रोधी दवा दी गई है। दो मादा चीतों, वीरा और निर्वा, और उनके नवजात शावकों की स्थिति भी अच्छी है। कूनो से दो नर चीतों को गांधीसागर सैंक्चुअरी में स्थानांतरित किया गया है, और वे भी स्वस्थ हैं। नभा की मृत्यु ने चीता परियोजना की चुनौतियों को फिर से उजागर किया है, जिसमें शिकार के दौरान चोटें और पर्यावास अनुकूलन शामिल हैं। यह परियोजना भारत में 70 साल पहले विलुप्त हो चुके चीतों को पुनर्जनन के लिए शुरू की गई थी, और इसके तहत कूनो को चीतों का पहला घर बनाया गया है।

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