नई दिल्ली। शेयर बाजार में गिरावट लगातार जारी है। मंगलवार को शुरुआती कारोबार में शेयर बाजारों में तेज गिरावट आई। बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी लगातार दूसरे सत्र में लगभग 1% गिर गए। यह गिरावट अमेरिकी फेडरल रिजर्व की 18 दिसंबर को होने वाली बैठक से पहले निवेशकों की सतर्कता बरतने के बीच आई है।
एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 941 अंक गिरकर 80,806.64 के निचले स्तर पर पहुंच गया, जबकि एनएसई निफ्टी 50, 274 अंक गिरकर दिन के अपने सबसे निचले बिंदु 24,394.20 पर आ गया। मुख्य सूचकांकों में गिरावट के बावजूद मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया। निफ्टी मिडकैप और निफ्टी स्मॉलकैप दोनों में केवल 0.06% की गिरावट आई।
इन कारणों से आ रही गिरावट
अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक
वैश्विक बाजार 18 दिसंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की बैठक के नतीजे पर करीब से नजर रख रहे हैं। जबकि बाजार पहले ही 25 आधार अंकों की दर में कटौती पर विचार कर चुका है। निवेशक ब्याज के भविष्य के रास्ते पर फेड प्रमुख की टिप्पणियों को सुनने के लिए उत्सुक हैं। कोई भी अप्रत्याशित कदम या बयान वैश्विक बाजारों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
भारत का व्यापार घाटा
नवंबर में भारत का व्यापार घाटा बढ़कर 37.8 अरब डॉलर हो गया, जिससे भारतीय रुपये पर दबाव पड़ा। रुपया 85 रुपये प्रति डॉलर की ओर बढ़ने की संभावना है, जिससे आईटी और फार्मा कंपनियों जैसे निर्यातकों को फायदा होगा, लेकिन आयातकों के लिए लागत बढ़ जाएगी। इससे आयात पर निर्भर क्षेत्रों के शेयर मूल्यों पर असर पड़ा है।
हेवीवेट शेयरों का कमजोर प्रदर्शन
बड़ी कंपनियों जैसे कि रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और इंफोसिस ने सूचकांकों को नीचे खींच लिया गया। निवेशकों ने इन प्रमुख कंपनियों के शेयर बेचे, जिससे बाजार में व्यापक गिरावट आई। इन्हें इंडेक्स हेवीवेट के रूप में भी जाना जाता है।