पीएम मोदी की श्रीलंका यात्रा: रक्षा, ऊर्जा और व्यापार पर फोकस, दिसानायके के साथ अहम बैठक

नई दिल्ली। भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 4 अप्रैल की रात को श्रीलंका की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंचे। यह यात्रा श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर हो रही है और इसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है। यह मोदी की 2019 के बाद श्रीलंका की पहली यात्रा है, जो थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के बाद शुरू हुई। इस दौरे में रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल बुनियादी ढांचा, स्वास्थ्य और व्यापार जैसे क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह यात्रा दिसानायके के सितंबर 2024 में राष्ट्रपति बनने के बाद किसी विदेशी नेता की श्रीलंका की पहली यात्रा भी है।

शनिवार, 5 अप्रैल को मोदी कोलंबो में स्वतंत्रता चौक पर गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करेंगे। इसके बाद वह राष्ट्रपति सचिवालय में दिसानायके के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसमें कई समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है। इनमें भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात द्वारा त्रिंकोमाली तेल फार्म का संयुक्त विकास शामिल हो सकता है। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच पहला रक्षा सहयोग समझौता भी इस यात्रा के दौरान औपचारिक रूप ले सकता है, जो संयुक्त सैन्य अभ्यास, प्रशिक्षण और उपकरण आपूर्ति को मजबूत करेगा। यह कदम चीन के हिंद महासागर में बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की भारत की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

दिसानायके संपुर सौर ऊर्जा परियोजना की वर्चुअल शुरुआत करेंगे

ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए, मोदी और दिसानायके संपुर सौर ऊर्जा परियोजना की वर्चुअल शुरुआत करेंगे, जो भारत की एनटीपीसी और श्रीलंका की सीईबी के संयुक्त उद्यम का हिस्सा है। इसके साथ ही बिजली ग्रिड कनेक्टिविटी और बहु-उत्पाद पेट्रोलियम पाइपलाइन स्थापित करने की घोषणा भी संभावित है। रविवार, 6 अप्रैल को दोनों नेता अनुराधापुरा जाएंगे, जहां वे महाबोधि मंदिर में श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे और दो अन्य भारत-सहायता प्राप्त परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे, जिनमें संभवतः रेलवे परियोजनाएं शामिल हैं।

श्रीलंका यात्रा भारत की नेबरहुड फर्स्ट नीति को दर्शाता है

यह यात्रा भारत की ‘नेबरहुड फर्स्ट’ नीति और ‘सागर’ (सुरक्षा और सभी के लिए विकास) दृष्टिकोण को रेखांकित करती है। श्रीलंका के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंधों को गहरा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, खासकर तब जब श्रीलंका हाल के आर्थिक संकट से उबर रहा है। मोदी अन्य श्रीलंकाई राजनीतिक नेताओं से भी मुलाकात करेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और राजनीतिक संबंध और मजबूत होंगे। इस दौरे से भारत-श्रीलंका संबंधों में एक नया अध्याय शुरू होने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *