मछली खाने पर गंदा कहा, नॉन-वेज को लेकर मुंबई में मराठी और गुजराती पड़ोसियों के बीच झड़प; बुलानी पड़ी पुलिस

नई दिल्ली। मुंबई के घाटकोपर इलाके में एक आवासीय सोसाइटी में नॉन-वेज खाने को लेकर मराठी और गुजराती समुदायों के बीच विवाद हो गया। यह घटना संभव दर्शन को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसाइटी में हुई, जहां एक मराठी निवासी राम रिंगे ने आरोप लगाया कि उनके गुजराती पड़ोसी ने नॉन-वेज खाने पर आपत्ति जताते हुए मराठी लोगों को ‘गंदा’ कहा। पड़ोसी ने कथित तौर पर कहा, “आप मराठी लोग गंदे हैं, आप मछली और मांस खाते हैं।” इस टिप्पणी से आहत रिंगे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) से संपर्क किया।

बुधवार रात को एमएनएस कार्यकर्ता सोसाइटी पहुंचे और गुजराती निवासियों को चेतावनी दी कि मराठी निवासियों के साथ दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एक वायरल वीडियो में एमएनएस नेता राज पार्टे ने कहा, “मराठी लोगों को गंदा कहने वाले का मतलब है कि महाराष्ट्र भी गंदा है। फिर वे यहां क्यों आए?” उन्होंने यह भी दावा किया कि पास की एक सोसाइटी में मराठी परिवारों को नॉन-वेज खाना पकाने से रोका गया, जिसके कारण उन्हें बाहर से खाना मंगवाना पड़ता है।

औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं

विवाद बढ़ने पर घाटकोपर पुलिस ने हस्तक्षेप किया और दोनों पक्षों को शांत किया। पुलिस ने गुजराती निवासियों को मराठी पड़ोसियों के साथ दुर्व्यवहार न करने की चेतावनी दी, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की बात कही। हालांकि, इस मामले में कोई औपचारिक शिकायत दर्ज नहीं हुई।

सरकार की नीतियां विभाजन पैदा कर रही: कांग्रेस

इस घटना ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी। कांग्रेस विधायक विजय वडेट्टीवार ने देवेंद्र फडणवीस सरकार पर गुजराती समुदाय द्वारा मराठी लोगों को बार-बार परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियां मराठी और गुजराती समुदायों के बीच विभाजन पैदा कर रही हैं। वहीं, राज्य के मंत्री आशीष शेलार ने भाषा या खानपान के आधार पर अपमान को अस्वीकार्य बताया और मराठी संस्कृति के सम्मान की बात दोहराई। यह घटना मुंबई में मराठी और गैर-मराठी समुदायों के बीच खानपान और सांस्कृतिक मतभेदों को उजागर करती है।

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