पुणे। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के प्रमुख शरद पवार ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत की जवाबी कार्रवाई को लेकर सतर्कता बरतने की सलाह दी है। 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी, जिसके लिए लश्कर-ए-तैयबा की सहयोगी द रेसिस्टेंस फ्रंट ने जिम्मेदारी ली। पवार ने कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कदम जरूरी हैं, लेकिन ऐसी कार्रवाइयां क्षेत्रीय तनाव को बढ़ा सकती हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से संयमित और रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया।
पवार ने पुणे में हमले में मारे गए अपने दो परिचितों, कौस्तुभ गुनबोटे और संतोष जगदाले, के अंतिम संस्कार में हिस्सा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और केंद्र की सुरक्षा नीतियों पर सवाल उठाए। पवार ने कहा, “सरकार दावा करती है कि कश्मीर में आतंकवाद खत्म हो गया, लेकिन पहलगाम हमला सुरक्षा चूक को दर्शाता है। तत्काल सुधार की जरूरत है।” उन्होंने सुझाव दिया कि पाकिस्तान के साथ व्यापार, विशेष रूप से गुजरात और महाराष्ट्र के बंदरगाहों के जरिए होने वाला कारोबार, पूरी तरह बंद किया जाए, क्योंकि इससे ड्रग तस्करी को बढ़ावा मिलता है।
पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी: पवार
भारत ने हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी-वाघा सीमा बंद करना और पाकिस्तानी राजनयिकों को निष्कासित करना शामिल है। पवार ने चेतावनी दी कि सीमा बंद करने जैसे कदमों से भारत को भी आर्थिक नुकसान हो सकता है, जैसे उड़ानों की बढ़ती कीमतें। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान को सबक सिखाना जरूरी है, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि आम भारतीय पर बोझ न पड़े।”
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीति नहीं हो: पवार
पवार ने एकजुटता पर जोर देते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि पीड़ित परिवारों को न्याय और समर्थन मिले। इस बीच, सुरक्षा बलों ने लश्कर के संदिग्धों के पांच घरों को नष्ट कर दिया, और अनंतनाग पुलिस ने तीन आतंकियों की जानकारी के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की।