नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नौ समन भेजने के बाद जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। उच्च न्यायालय द्वारा केजरीवाल को अंतरिम राहत देने से इनकार करने के बाद ही ईडी ने सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी। केजरीवाल की आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसी भाजपा के इशारे पर सिर्फ झूठ उगलने वाली मशीन है।
अदालत दिल्ली शराब नीति मामले में एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई करेगी।
आज प्रवर्तन निदेशालय ने इसका विरोध करते हुए हलफनामा दाखिल किया। सूत्रों ने बताया कि हलफनामे में एजेंसी ने दलील दी है कि नौ बार समन जारी करने के बावजूद केजरीवाल पूछताछ के लिए उपस्थित नहीं हुए। एजेंसी ने दलील दी थी कि वह पूछताछ से बच रहे थे।
सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका: ED
प्रवर्तन निदेशालय ने यह भी कहा कि सबूतों से छेड़छाड़ की आशंका है। उदाहरण के तौर पर इसमें कहा गया है कि घोटाले की अवधि के दौरान 36 व्यक्तियों द्वारा 170 सेलफोन बदल दिए गए और नष्ट कर दिए गए। पार्टी ने कहा, “भाजपा अरविंद केजरीवाल को चुनाव प्रचार से रोकना चाहती है> यह ईडी की जांच नहीं है, यह भाजपा की जांच है।”
बीजेपी के राजनीतिक सहयोगी की तरह काम करने का आरोप
आप ने कहा कि ईडी बीजेपी के राजनीतिक सहयोगी की तरह काम कर रही है। इसमें कहा गया है कि एजेंसी के पास केजरीवाल और गिरफ्तार किए गए अन्य नेताओं के खिलाफ कोई सबूत नहीं है। इस महीने की शुरुआत में दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध ठहराए जाने के बाद मामला सर्वोच्च न्यायालय में चला गया।
हालांकि, शीर्ष अदालत ने शीघ्र सुनवाई से इनकार कर दिया और एजेंसी को 26 अप्रैल तक उनकी याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा। जब आप नेता ने अदालत का रुख किया तो अदालत (ईद के लिए) बंद थी। मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी।