नई दिल्ली। केंद्र सरकार अग्निपथ भर्ती योजना में बदलाव करने की योजना बना रही है और सुरक्षा बलों में अधिक संख्या में अग्निवीरों को रिटेंशन किया जा सकता है। इसके साथ ही उनको मिलनेवाली सुविधाओं और अधिकारों में बदलाव किया जा सकता है। रक्षा सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है। इन संशोधनों का उद्देश्य योजना की समग्र संरचना और लाभों में सुधार करना है, जिसे विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा है और सेना के उम्मीदवारों के विरोध का सामना करना पड़ा है।
रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, अग्निवीरों के स्थायी करने के प्रतिशत को बढ़ाने पर विचार-विमर्श चल रहा है, जिससे उनमें से अधिक संख्या में अपने शुरुआती चार साल के कार्यकाल के बाद भी पूर्णकालिक सेवा में बने रहने की अनुमति मिल सके। वर्तमान में, केवल 25 प्रतिशत अग्निवीरों को उनकी प्रारंभिक सेवा अवधि के बाद बरकरार रखा जाता है। सैन्य विशेषज्ञों द्वारा यह संख्या अपर्याप्त मानी जाती है।
एक चौथाई अग्निवीरों का रिटेंशन अपर्याप्त: रक्षा सूत्र
एक शीर्ष रक्षा सूत्र ने कहा, “जमीन पर वांछित लड़ाकू ताकत बनाए रखने के लिए एक चौथाई बहुत कम संख्या है।” सूत्र ने आगे कहा, “सेना ने सिफारिश की है कि चार साल के अंत में अग्निवीरों का प्रतिशत बढ़कर लगभग 50% हो जाना चाहिए।”
विभिन्न इकाइयों और संरचनाओं के भीतर किए गए आंतरिक फीडबैक और सर्वेक्षणों के बाद, सेना ने पहले ही इन संभावित परिवर्तनों के संबंध में सरकार को सिफारिशें सौंप दी हैं। शीर्ष रक्षा अधिकारियों ने कहा कि इस प्रक्रिया में समय लग सकता है, अग्निपथ योजना को बढ़ाने के लिए आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।