नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आरजी कर मेडिकल सेंटर एंड हॉस्पिटल से जुड़े कथित वित्तीय घोटाले के सिलसिले में शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के हावड़ा, सोनारपुर और हुगली में कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। इस साल अगस्त में, सरकार द्वारा संचालित आरजी कर मेडिकल सेंटर एंड हॉस्पिटल में एक 31 वर्षीय प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ क्रूरतापूर्वक बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिसके बाद देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया।
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीय जांच एजेंसी हुगली में जिन जगहों पर छापेमारी कर रही है, उनमें आरजी कर मेडिकल सेंटर एंड हॉस्पिटल के पूर्व प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष के एक रिश्तेदार का परिसर भी शामिल है।
सीबीआई ने दर्ज किया एफआईआर
पिछले हफ्ते, केंद्रीय एजेंसी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कथित वित्तीय अनियमितताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया था। मामला केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एफआईआर के आधार पर दर्ज किया गया था, जिसमें डॉक्टर की हत्या की जांच के सिलसिले में डॉ. घोष को आरोपी बनाया गया था।
एफआईआर में, सीबीआई ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज में वित्तीय कदाचार के संबंध में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के साथ-साथ आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और बेईमानी भी लगाई है। ये मामले संज्ञेय अपराध के अंतर्गत आते हैं और प्रकृति में गैर-जमानती हैं।
डॉ. घोष घटना तक इसी अस्पताल में बने रहे
डॉ. घोष ने फरवरी 2021 से सितंबर 2023 तक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के रूप में कार्य किया। हालांकि उन्हें अक्टूबर 2023 में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने बेवजह एक महीने के भीतर अस्पताल में अपनी भूमिका फिर से शुरू कर दी। वह एक प्रशिक्षु डॉक्टर के क्रूर बलात्कार और हत्या के दिन तक इस पद पर बने रहे। 2 सितंबर को सीबीआई ने डॉ. घोष को भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया था और बाद में उन्हें जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया गया था।