धन, बाहुबल, नशा, जातिवाद, झूठ, छल-कपट जैसे प्रपंच बने मौजूदा राजनीति के सबसे सटीक हथियार

पवन चोपड़ा, चंडीगढ़। मौजूदा राजनीति में ईमानदारी, सादगी, इंसानियत और जैसे शब्द अब इतिहास की बातें हो गए हैं। ऐसे लोगों को मौजूदा दौर सम्मान देने की बजाय उन्हें उपहास का पात्र माना जाता है। लेकिन धन, बाहुबल, नशा, जातिवाद, झूठ, छल-कपट जैसे प्रपंचों का सहारा लेने के बावजूद भी जहां बहुत से नेताओं को फिर भी जीत नसीब नहीं होती। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की टिकट पर भिवानी से विधानसभा में पहुंचने वाले पूर्व मंत्री घनश्याम सर्राफ और यमुनानगर विधानसभा सीट से विधायक बनने वाले घनश्याम दास अरोड़ा की सादगी के चर्चे आज भी प्रदेश भर में आम देखने और सुनने को मिलते हैं।

जो न ही कोई ताम झाम, दिखावा और बड़बोलापन, बिना किसी राजनीतिक तिकड़म जनता के दिलों पर राज कर रहे हैं। इसकी बदौलत घनश्याम दास सर्राफ लगातार जीत का चौका लगा चुके हैं। वहीं घनश्याम दास अरोड़ा भी जीत की हैट्रिक लगा चुके हैं। ऐसे में यह है उन राजनेताओं के लिए भी बहुत ही बड़ा सबक और सीख है कि आप बिना किसी छल कपट और झूठ का सहारा लिए अपनी सादगी के बल पर भी जनता के हीरो बने रह सकते हैं।

मौजूदा विधानसभा चुनाव में धनबल का रहा बोलबाला

भले ही चुनाव आयोग द्वारा हुए करोड़ों करोड़ों रुपए का नगदी आभूषण नशा आदि पड़ा गया हो। लेकिन सूत्रों की माने तो उसके बावजूद भी बीते विधानसभा चुनाव में पैसा पानी की तरह बहाया गया है। लेकिन उपरोक्त नेताओं की सादगी के चलते संभवत है कि चुनावी गाइडलाइन के अनुसार दिए गए खर्चे से भी कम पैसे खर्च चुनाव जीत गए हो।

आमजन के भी हमेशा रहते हैं करीब

भले ही चुनावी मौसम में राजनेता हर किसी के दुख सुख में शामिल रहने के अलावा 24 घंटे उनकी सेवा में रहने के वादे करते हैं। लेकिन जैसे ही उनके हाथ सट्टा का बटेर लगता है। उनके हवा-भाव बदल जाते हैं आम तो क्या खास के लिए भी उनसे मिलना टेडी खीर साबित होता है। जबकि साधारण नेता के पास आम आदमी की पहुंच भी आसानी से रहती है । यही नहीं ऐसे नेता जनता के कड़वे शब्दों को भी आसानी से हंसते-हंसते ग्रहण कर लेते हैं और उनके पास आए नाराज व्यक्ति को भी खुश करके लौटने का कार्य करते हैं। जबकि तेज तर्रार नेता अपनी आलोचना बर्दाश्त नहीं कर सकता और गुस्से में वह अपने चहेते वोटरों को भी नाराज कर बैठता है।

इसी कड़ी में रादौर विधानसभा से भाजपा की टिकट पर दूसरी बार विधायक बनने वाले श्याम सिंह राणा व पूर्व राज्यसभा सदस्य रामकुमार कश्यप लगातार दूसरी बार इंद्री विधानसभा से चुनाव जीत चुके हैं। इन दोनों की सादगी और मासूमियत भी हर किसी का अनायास ही दिल जीत लेती है।

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