नई दिल्ली। महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे राज्य के डिप्टी सीएम बनने के लिए तैयार होने की अलग ही कहानी है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि एकनाथ शिंदे ने मेरी मुलाकात के बाद उपमुख्यमंत्री बनने पर सहमत हो गए थे। उन्होंने सीएम पद के लिए शिंदे की नाराजगी की बात को भी खारिज किया।
देवेंद्र फड़णवीस ने शुक्रवार को तीसरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। एक चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कई विषयों पर बात की, जिसमें शिंदे को कैसे जीता गया और चुनाव में महायुति के भारी जनादेश के पीछे के कारक शामिल थे आदि।
फड़णवीस ने कहा कि शिंदे ने चुनाव जीतने के बाद महायुति की पहली बैठक में स्वीकार किया था कि मुख्यमंत्री भाजपा से ही होगा। हालांकि, शिवसेना के एक वर्ग का मानना था कि शिंदे को सरकार का हिस्सा नहीं होना चाहिए और गठबंधन के सुचारू कामकाज के लिए समन्वय समिति का प्रमुख बनना चाहिए।
शिंदे के साथ मेरे व्यक्तिगत संबंध अच्छे: फडणवीस
फडणवीस ने कहा, “शिवसेना के कुछ नेता थे, जो चाहते थे कि मुख्यमंत्री उनकी पार्टी से होना चाहिए। लेकिन, हमारे मन में कोई संदेह नहीं था। शिंदे के साथ मेरे व्यक्तिगत रूप से अच्छे संबंध हैं। मेरी उनसे मुलाकात के बाद वह अंततः उपमुख्यमंत्री बनने के लिए सहमत हुए।”
बीजेपी को मिल सकते हैं 21-22 विभाग
बता दें, महाराष्ट्र में गुरुवार को ही शपथ ग्रहण हुआ था। इसमें देवेंद्र फडणवीस ने सीएम तो एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। इसके बाद अब तीनों पार्टियों के बीच मंत्रिमंडल और विभागों का बंटवारा किया जाएगा। बीजेपी को 21 से 22 विभाग, जबकि शिवसेना ने 16 सीटें मांगी हैं, लेकिन उसे 12 सीटें मिलने की संभावना है। वहीं, अजित पवार को 9 से 10 विभाग मिलने की चर्चा है।
2014 में पहली बार सीएम बने थे फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने 2014 में पहली बार सीएम पद की शपथ ली थी। उन्होंने तब 5 साल सरकार चलाई और 2019 में बीजेपी ने सबसे ज्यादा सीटें जीतीं, लेकिन पार्टी सरकार नहीं बना पाई। ढाई साल बाद बीजेपी ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में एनडीए की सरकार बनाई और फडणवीस डिप्टी सीएम बनाए गए।