नई दिल्ली। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) 8 मई को दक्षिणी पाकिस्तान सीमा के साथ बड़े पैमाने पर सैन्य अभ्यास की योजना बना रही है। भू-खुफिया विशेषज्ञ डेमियन साइमंड्स के अनुसार, यह ड्रिल राजस्थान और गुजरात में होगी, जिसमें राफेल और सुखोई-30 एमकेआई जैसे अत्याधुनिक लड़ाकू विमान शामिल होंगे।
यह अभ्यास अप्रैल 2022 के पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच हो रहा है, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। ड्रिल का उद्देश्य युद्ध जैसी स्थिति में वायु सेना की तत्परता और सामरिक क्षमता को परखना है।
सटीक बमबारी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध शामिल होंगे
साइमंड्स ने बताया कि ड्रिल में गहरे हमले, सटीक बमबारी और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध शामिल होंगे, जो पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों पर नजर रखने की भारत की क्षमता को दर्शाएंगे। यह अभ्यास ‘आक्रामण’ नामक पहले के ड्रिल का विस्तार है, जिसमें राफेल जेट्स ने पहाड़ी इलाकों में जमीनी हमलों का अभ्यास किया था। वायु सेना ने गंगा एक्सप्रेसवे पर रात में लैंडिंग ड्रिल भी की, जो आपात स्थिति में वैकल्पिक रनवे के उपयोग को दर्शाता है।
हवाई रक्षा इकाइयों को राजस्थान सीमा के पास सक्रिय किया
पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई की है। उसने सियालकोट और फिरोजपुर सेक्टर में रडार सिस्टम को अग्रिम स्थानों पर तैनात किया और हवाई रक्षा इकाइयों को राजस्थान सीमा के पास सक्रिय किया। भारत ने पाकिस्तानी सैन्य विमानों के नेविगेशन सिस्टम को बाधित करने के लिए जैमिंग सिस्टम तैनात किए हैं, जिससे उनकी सटीकता प्रभावित होगी।
ब्लैकआउट और निकासी योजनाओं का अभ्यास किया गया
यह ड्रिल 7 मई को 259 स्थानों पर होने वाले नागरिक रक्षा अभ्यास के बाद हो रही है, जिसमें हवाई हमले के सायरन, ब्लैकआउट और निकासी योजनाओं का अभ्यास किया गया। पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, पाकिस्तानी विमानों के लिए हवाई क्षेत्र बंद किया और अटारी-वाघा सीमा को सील कर दिया। पाकिस्तान ने भी जवाबी कदम उठाए, जिसमें शिमला समझौते को निलंबित करना शामिल है।
साइमंड्स ने चेतावनी दी कि यह ड्रिल दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा सकती है, लेकिन भारत का जोर सैन्य ताकत प्रदर्शित करने और आतंकवाद के खिलाफ कड़ा संदेश देने पर है।