लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कथावाचक अनिरुद्धाचार्य महाराज के बीच 2023 में हुई एक मुलाकात का वीडियो 13 जुलाई 2025 को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। यह मुलाकात लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर हुई थी, जब अनिरुद्धाचार्य आगरा से लौट रहे थे।
वीडियो में अखिलेश यादव ने अनिरुद्धाचार्य के ‘शूद्र’ शब्द के बार-बार उपयोग पर सवाल उठाया, जो ऐतिहासिक रूप से हिंदू वर्ण व्यवस्था में सबसे निचली जाति के लिए इस्तेमाल होता है और अक्सर अपमानजनक माना जाता है।
यहीं से हमारा और आपका रास्ता अलग हो गया: अखिलेश यादव
अखिलेश ने भगवान श्रीकृष्ण के बचपन का उदाहरण देते हुए पूछा, “कृष्ण को मां ने पहली बार क्या कहा था?” अनिरुद्धाचार्य ने जवाब दिया, “कन्हैया।” इस पर अखिलेश ने तीखे अंदाज में कहा, “बस यहीं से हमारा और आपका रास्ता अलग हो गया। अब से किसी को शूद्र मत कहना।” उन्होंने सामाजिक समरसता और समानता पर जोर दिया। इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर तीव्र बहस छेड़ दी।
एक प्रवचन में बिना अखिलेश का नाम लिए जवाब दिया
16 जुलाई 2025 को अनिरुद्धाचार्य ने एक प्रवचन में बिना अखिलेश का नाम लिए जवाब दिया। उन्होंने कहा कि एक पूर्व मुख्यमंत्री ने उनके जवाब से असहमति जताते हुए रास्ते अलग होने की बात कही। उन्होंने पूछा, “क्या वह मुसलमानों से भी ऐसा कहेंगे?” और सनातन संतों के प्रति “दुराग्रह” का आरोप लगाया। सपा सांसद प्रिया सरोज ने अनिरुद्धाचार्य पर पलटवार करते हुए कहा कि वह धार्मिक प्रवचनों को सियासी रंग दे रहे हैं।
इस विवाद ने जातिगत पहचान, भाषा और सामाजिक समावेशिता पर बहस को हवा दी। कुछ ने अखिलेश के बयान को सामाजिक सुधार की दिशा में कदम बताया, तो कुछ ने इसे धार्मिक नेताओं का अपमान करार दिया। यह घटना सपा के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) सियासत को भी रेखांकित करती है।