नई दिल्ली। तमिलनाडु में एक और ‘पुत्र उदय’ देखने को मिला है। दरअसल, राज्य के खेल मंत्री उदयनिधि स्टालिन को तमिलनाडु का नया उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वह मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और डीएमके की युवा शाखा के सचिव भी हैं।
जनवरी से ही उदयनिधि की पदोन्नति की अटकलें लगाई जा रही थीं, लेकिन कई कारणों से इसे टाल दिया गया था, जिनमें से एक कारण यह भी था कि भाजपा ने उनके ‘सनातन धर्म’ संबंधी बयानों को लेकर उन पर निशाना साधा था, जिसके कारण इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भी उनसे दूरी बना ली थी। संसद चुनावों के कारण उनकी पदोन्नति में एक बार फिर देरी हुई, जिसके बाद कल्लकुरिची शराब त्रासदी हुई, जिसमें 66 लोगों की जान चली गई।
सेंथिल बालाजी के बाहर आने का इंतजार किया गया
हालांकि, पार्टी के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि हालांकि उदयनिधि की पदोन्नति अगस्त के लिए तय थी, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार किए गए सेंथिल बालाजी के जमानत पर रिहा होने तक इंतजार करने का फैसला किया गया।
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने पहले उदयनिधि की पदोन्नति के बारे में सवालों से बचने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि समय सही नहीं है। सेंथिल बालाजी की रिहाई की पुष्टि के साथ अपना रुख बदल दिया। उन्होंने कहा, “मंत्रिमंडल में बदलाव होंगे, लेकिन कोई निराशा नहीं होगी।”
उदयनिधि ने हमेशा कहा कि निर्णय मुख्यमंत्री के पास है
उन्होंने कहा कि उदयनिधि ने हमेशा कहा है कि निर्णय मुख्यमंत्री के पास है और वह इसका पालन करेंगे। हालांकि, सत्तारूढ़ डीएमके के भीतर उनकी पदोन्नति का बहुत इंतजार था, क्योंकि शीर्ष नेता पार्टी और शासन को आगे बढ़ाने के लिए एक नए ‘थलपति’ की प्रतीक्षा कर रहे थे।