नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 लोगों की जान गई, के बाद भारतीय सेना और खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में 42 आतंकी लॉन्च पैड की पहचान की है। इन लॉन्च पैड में 110-130 आतंकियों के मौजूद होने की सूचना है, जिनमें से करीब 115 पाकिस्तानी आतंकी हैं।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, कश्मीर घाटी में 70-75 और जम्मू, राजौरी, पुंछ क्षेत्रों में 60-65 आतंकी सक्रिय हैं। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने किया, जिसके मास्टरमाइंड सैफुल्लाह कसूरी उर्फ खालिद और दो रावलकोट आधारित लश्कर कमांडरों की पहचान हुई है।
पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया
हमले में छह आतंकियों ने बैसारन मीडो में पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें सैन्य ग्रेड हथियार और उन्नत संचार उपकरणों का इस्तेमाल हुआ। आतंकियों ने स्थानीय सहायता से पहले क्षेत्र की रेकी की थी। हमले के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाते हुए इंडस वाटर ट्रीटी निलंबित कर दी, अटारी-वाघा चेकपोस्ट बंद की, और पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित किया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 23 अप्रैल को उच्च स्तरीय बैठक में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की, जिसमें एनएसए अजीत डोवल और सेना प्रमुख शामिल थे। सेना ने पीओके में निगरानी बढ़ाने और घुसपैठ रोधी ग्रिड को मजबूत करने की रणनीति बनाई है।
पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को घुसपैठ में मदद कर रही
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना इन आतंकियों को घुसपैठ में मदद कर रही है। हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में स्कूल बंद रहे और श्रीनगर में शोक सभाएं आयोजित की गईं। पीड़ितों में नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, आईएएफ अधिकारी तागे हैलियांग और कोलकाता के टीसीएस टेकी बिटन अधिकारी शामिल थे। सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है, और सुरक्षा बलों ने आतंकियों की तलाश में बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है।