नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी (आप) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मुलाकात की और दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया। वहीं आप की वरिष्ठ नेता और मंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। इससे पहले पार्टी के विधायकों ने उन्हें अगला मुख्यमंत्री चुना था।
उपराज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए आतिशी ने कहा, “दुनिया के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहली बार है कि किसी मुख्यमंत्री ने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला उनके लिए पर्याप्त नहीं है। जब तक जनता की अदालत अपना फैसला नहीं सुना देती, तब तक वह मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नहीं बैठेंगे।”
केजरीवाल के इस्तीफे से दिल्ली दुखी: आतिशी
उन्होंने कहा, “दिल्ली की जनता अरविंद केजरीवाल जी को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है, इसलिए उन्होंने अगले चुनाव में भी उन्हें जिताने का संकल्प लिया है। केजरीवाल के इस्तीफे से पूरी दिल्ली दुखी है।”
विधायक दल की बैठक में केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा और इसे आप विधायकों ने सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि कोई उपमुख्यमंत्री नहीं होगा और कालकाजी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाली आतिशी 26-27 सितंबर को विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान शपथ लेंगी।
कठिन समय में आतिशी को मिली जिम्मेदारी: गोपाल राय
उनकी नियुक्ति पर बोलते हुए दिल्ली के मंत्री गोपाल राय ने कहा, “आतिशी को यह जिम्मेदारी कठिन समय में दी गई है। सरकार को अस्थिर करने के लिए आप के खिलाफ एजेंसियों का दुरुपयोग किया जा रहा था। आप ने इन प्रयासों को विफल कर दिया है।” राय ने कहा कि आप की स्थापना के समय से ही आतिशी के पास दो प्रमुख जिम्मेदारियां हैं- दिल्ली के दो करोड़ लोगों के लिए काम करना और भाजपा की साजिशों को रोकना।