नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नए नियमों के तहत 1 मई 2025 से ATM से नकदी निकालना महंगा हो जाएगा। ATM ट्रांजैक्शन शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है, जिसके बाद अब हर ट्रांजैक्शन पर मौजूदा 21 रुपये की जगह 23 रुपये शुल्क देना होगा। यह बदलाव मुफ्त ट्रांजैक्शन की सीमा खत्म होने के बाद लागू होगा।
RBI ने यह फैसला बैंकों की बढ़ती लागत को देखते हुए लिया है, जिसमें ATM मेंटेनेंस, कैश मैनेजमेंट और सुरक्षा खर्च शामिल हैं। बैंकों का कहना है कि पुराना शुल्क उनकी लागत को कवर करने के लिए पर्याप्त नहीं था।
अब लिमिट बढ़ने पर कटेंगे 23 रुपये
वर्तमान नियमों के अनुसार, अपने बैंक के ATM से हर महीने 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन मिलते हैं, जिसमें फाइनेंशियल (नकदी निकासी) और नॉन-फाइनेंशियल (बैलेंस चेक) लेनदेन शामिल हैं। मेट्रो शहरों में दूसरे बैंक के ATM से 3 और नॉन-मेट्रो इलाकों में 5 मुफ्त ट्रांजैक्शन मिलते हैं। इन सीमाओं के बाद अब तक 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन लगता था, जो अब बढ़कर 23 रुपये हो जाएगा।
उदाहरण के लिए, अगर कोई मेट्रो शहर में महीने में 5 बार दूसरे बैंक के ATM से पैसे निकालता है, तो 3 मुफ्त ट्रांजैक्शन के बाद बाकी 2 के लिए उसे पहले 42 रुपये देने पड़ते थे, जो अब 46 रुपये हो जाएंगे।
मुफ्त ट्रांजैक्शन में कोई बदलाव नहीं
RBI ने मुफ्त ट्रांजैक्शन की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया है, जो राहत की बात है। यह नियम कैश रिसाइक्लर मशीनों पर भी लागू होगा, लेकिन कैश जमा करने पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इस बढ़ोतरी का असर उन लोगों पर ज्यादा पड़ेगा जो बार-बार ATM का इस्तेमाल करते हैं। इससे बचने के लिए डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने की सलाह दी जा रही है। UPI, मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग जैसे विकल्पों से नकदी पर निर्भरता कम की जा सकती है, जो सस्ता और सुविधाजनक है।
आम लोगो की जेब पर डालेगा असर
यह बदलाव आम लोगों की जेब पर असर डालेगा, खासकर उन इलाकों में जहां डिजिटल लेनदेन अभी पूरी तरह लोकप्रिय नहीं हुआ है। सरकार डिजिटल इंडिया को बढ़ावा दे रही है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में ATM अभी भी मुख्य साधन बना हुआ है। ऐसे में लोगों को अपनी निकासी की आदतों पर ध्यान देना होगा ताकि अतिरिक्त शुल्क से बचा जा सके।