नई दिल्ली। लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रह्मण्यम ने महिला दिवस से ठीक पहले कंपनी की महिला कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने महिलाओं को हर महीने एक दिन की सवेतन पीरियड लीव देने का ऐलान किया। इस फैसले का उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के लिए अधिक सुविधा और समानता सुनिश्चित करना है। इस पहल को कॉर्पोरेट जगत में एक प्रगतिशील कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो महिलाओं की भलाई और उनकी उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
इस ऐलान के दौरान एस.एन. सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हमारी महिला कर्मचारी हमारी सफलता का अभिन्न हिस्सा हैं, और उनकी सेहत और सुविधा का ध्यान रखना हमारी प्राथमिकता है। पीरियड लीव का फैसला इस दिशा में एक छोटा, लेकिन महत्वपूर्ण कदम है। हम चाहते हैं कि महिलाएं बिना किसी असुविधा के अपनी क्षमताओं का पूरा इस्तेमाल कर सकें।” उन्होंने आगे कहा कि यह पहल एलएंडटी की समावेशी और संवेदनशील नीतियों का हिस्सा है, जो कार्यस्थल पर लैंगिक समानता और कर्मचारी कल्याण को बढ़ावा देती है।
पीरियड लीव की प्रमुख बातें
– अवकाश की अवधि: महिला कर्मचारियों को हर महीने एक दिन का सवेतन अवकाश मिलेगा।
– लागू होने की तारीख: इस नई नीति को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) से लागू किया जाएगा।
– कर्मचारियों की संख्या: एलएंडटी में लगभग 45,000 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनमें से करीब 6,000 महिलाएं हैं। इस नीति से सभी महिला कर्मचारी लाभान्वित होंगी।
कॉर्पोरेट जगत में सकारात्मक संकेत
एलएंडटी का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत की कुछ कंपनियां पहले से ही महिलाओं के लिए पीरियड लीव जैसी नीतियां लागू कर चुकी हैं। ज़ोमैटो, स्विगी और बायजूज जैसी कंपनियों ने इस दिशा में कदम बढ़ाए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इंजीनियरिंग और कंस्ट्रक्शन जैसे क्षेत्र में एलएंडटी जैसी बड़ी कंपनी द्वारा यह पहल अन्य कॉर्पोरेट्स को भी इसी तरह की नीतियां अपनाने के लिए प्रेरित करेगी।
महिला कर्मचारियों की प्रतिक्रिया
एलएंडटी की महिला कर्मचारियों ने इस पहल का स्वागत किया है। एक वरिष्ठ इंजीनियर ने कहा, “पीरियड्स के दौरान काम करना कई बार चुनौतीपूर्ण हो जाता है। यह अवकाश हमारे लिए बड़ी राहत है और इससे हमें मानसिक और शारीरिक रूप से बेहतर महसूस होगा।”
कई कर्मचारियों का मानना है कि इस कदम से कार्यस्थल पर महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता और सम्मान बढ़ेगा, जिससे उनकी उत्पादकता में सुधार आएगा।
आगे की योजना और प्रभाव
सूत्रों के अनुसार, एलएंडटी आने वाले समय में महिलाओं की सुविधा के लिए और भी नीतिगत सुधार कर सकती है, जिनमें फ्लेक्सिबल वर्किंग ऑवर्स, मातृत्व अवकाश में वृद्धि और महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना शामिल है।
विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह की नीतियां न केवल कार्यस्थल पर महिलाओं की स्थिति को मजबूत करेंगी, बल्कि टैलेंट रिटेंशन और कर्मचारियों की संतुष्टि में भी सहायक होंगी।
एस.एन. सुब्रह्मण्यम के इस फैसले ने न केवल महिलाओं के अधिकारों को सशक्त किया है, बल्कि कॉर्पोरेट संस्कृति में संवेदनशीलता और समानता को भी बढ़ावा दिया है। ऐसे कदम कार्यस्थल पर एक सकारात्मक और सहयोगी माहौल बनाने में सहायक होंगे, जिससे कर्मचारियों की उत्पादकता और संतुष्टि दोनों में इजाफा होगा।