नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को केंद्रीय बजट 2024-25 में रक्षा मंत्रालय को 6,21,940 करोड़ रुपये आवंटित करने की घोषणा की। यह पिछले वित्तीय वर्ष से 4.79 प्रतिशत अधिक है। रक्षा मंत्रालय को बजट आवंटन सभी मंत्रालयों में सबसे अधिक है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि बजट एक समृद्ध और आत्मनिर्भर ‘विकसित भारत’ की दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेगा। बजट का लक्ष्य रक्षा प्रौद्योगिकी और विनिर्माण में ‘आत्मनिर्भरता’ को बढ़ावा देना, सशस्त्र बलों को आधुनिक हथियारों से लैस करना और युवाओं के लिए नौकरी के अवसर पैदा करना है।
रक्षा बलों के लिए पूंजी परिव्यय 1.72 लाख करोड़ रुपये निर्धारित किया गया है। रक्षा क्षेत्र के लिए कुल आवंटन कुल बजट का लगभग 13 प्रतिशत है।
रक्षा क्षेत्र में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए, आईडीईएक्स (एडीआईटीआई) योजना के साथ इनोवेटिव टेक्नोलॉजीज के एसिंग डेवलपमेंट के लिए 518 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो स्टार्टअप और एमएसएमई से प्रौद्योगिकी समाधान का समर्थन करेगा।
घरेलू क्षमता को मजबूत करना
इस वित्तीय वर्ष में आधुनिकीकरण बजट का 75 प्रतिशत, जो कि 1,05,518 करोड़ रुपये है, घरेलू उद्योगों के माध्यम से खरीद के लिए निर्धारित किया गया है।
सामरिक आवश्यकता के लिए सीमा अवसंरचना
सीमा बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए, बजट अनुमान 2024-25 के लिए पूंजी के तहत सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) को बजटीय आवंटन 6,500 करोड़ रुपये है। इसका उद्देश्य रणनीतिक बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ाना और सीमावर्ती क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
भारतीय तट रक्षक आवंटन
भारतीय तटरक्षक (ICG) को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 7,651.80 करोड़ रुपये मिलते हैं, जिसमें 3,500 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए समर्पित हैं। इससे उभरती समुद्री चुनौतियों से निपटने और अन्य देशों को मानवीय सहायता प्रदान करने में आईसीजी की क्षमताएं बढ़ेंगी।