वडोदरा। गुजरात के वडोदरा जिले में 9 जुलाई को सुबह करीब 7:30 बजे महिसागर नदी पर बना 45 साल पुराना गंभीरा पुल ढह गया, जिसके कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और छह अन्य घायल हो गए। यह पुल वडोदरा और आनंद जिलों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण राजमार्ग था, जो मध्य गुजरात को सौराष्ट्र से जोड़ता था। हादसे के समय पुल पर दो ट्रक, एक ईको वैन, एक पिकअप वैन और एक ऑटो-रिक्शा सहित कई वाहन गुजर रहे थे, जो नदी में गिर गए।
स्थानीय लोगों और प्रशासन ने तत्काल बचाव कार्य शुरू किया। वडोदरा कलेक्टर अनिल धमेलिया ने बताया कि स्थानीय तैराकों, नावों, वडोदरा नगर निगम (VMC), आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचीं। अब तक पांच लोगों को मामूली चोटों के साथ बचा लिया गया है, जबकि बचाव कार्य जारी है। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री रुशिकेश पटेल ने कहा कि पुल का निर्माण 1985 में हुआ था और इसकी समय-समय पर मरम्मत की गई थी, लेकिन हादसे का सटीक कारण जांच के बाद ही पता चलेगा।
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का लगाया आरोप
स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है, दावा किया कि पुराने और जर्जर पुल की मरम्मत के लिए बार-बार अनुरोध किए गए थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस हादसे ने वडोदरा और आनंद के बीच सड़क संपर्क बाधित कर दिया, जिससे यातायात और वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने तकनीकी विशेषज्ञों को मौके पर भेजकर हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने सोशल मीडिया पर सरकार से तत्काल बचाव कार्य और वैकल्पिक यातायात व्यवस्था की मांग की। यह हादसा राज्य में बुनियादी ढांचे की सुरक्षा पर सवाल उठाता है, और इसने क्षेत्र में अन्य पुराने ढांचों की तकनीकी जांच की मांग को तेज कर दिया है।