‘ऑपरेशन सिन्दूर’ पर चर्चा के दूसरे दिन संसद में दिखा टकराव, अमेरिका के दावे पर जमकर हुआ हंगामा

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में 29 जुलाई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर पर दूसरे दिन की बहस में तीखी नोकझोंक देखने को मिली। यह बहस पहलगाम आतंकी हमले और इसके जवाब में भारत द्वारा 7 मई को शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर के इर्द-गिर्द केंद्रित थी, जिसमें पाकिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए गए। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने सरकार का पक्ष रखा, जबकि राज्यसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चर्चा शुरू की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शाम 7 बजे दोनों सदनों में हस्तक्षेप किया। विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोला, खासकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दावे पर कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम करवाया।

ऑपरेशन सिंदूर किसी बाहरी दबाव में नहीं रुका: राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर किसी बाहरी दबाव में नहीं रुका, बल्कि इसके उद्देश्य पूरे होने पर समाप्त हुआ। उन्होंने कहा कि 22 मिनट के इस ऑपरेशन ने भारत की सैन्य ताकत को प्रदर्शित किया। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि उनकी आलोचना देश को कमजोर करती है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों ने वैश्विक मंचों पर भारत का पक्ष रखा, जिससे पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार टीआरएफ को अमेरिका ने आतंकी संगठन घोषित किया।

विपक्ष ने खुफिया विफलताओं और हमले में देरी पर सवाल उठाए। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूछा कि आतंकवादी पहलगाम के बैसरण वैली में कैसे घुसे। प्रियंका गांधी ने जयशंकर के बयान पर सवाल उठाया कि क्या अमेरिका युद्धविराम में शामिल नहीं था। समाजवादी पार्टी और शिवसेना (यूबीटी) ने भी सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष से सेना की गरिमा बनाए रखने की अपील की। यह बहस राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति पर सरकार और विपक्ष के बीच गहरे मतभेदों को उजागर करती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *