जयपुर। राजस्थान में देवनारायण छात्रा स्कूटी योजना और कालीबाई स्कूटी योजना के तहत हजारों स्कूटी गोदामों में जंग खा रही थीं, जिसके बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सख्त रुख अपनाया है। एक न्यूज रिपोर्ट में इस मामले का खुलासा होने के बाद सीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए सभी स्कूटियों को दो महीने के भीतर पात्र छात्राओं तक वितरित करने का आदेश दिया है। यह कदम ग्रामीण और आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इन योजनाओं का उद्देश्य बेटियों को सशक्त बनाना और स्कूल-कॉलेज आने-जाने में सुविधा प्रदान करना है। लेकिन वितरण में देरी के कारण कई छात्राएं लाभ से वंचित थीं। खबर सामने आने के बाद सीएम ने जयपुर में एक हाई-लेवल बैठक बुलाई, जिसमें टीवीएस कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट समेत कई शीर्ष अधिकारी शामिल हुए। सीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और स्कूटी वितरण में तेजी लाई जाए। उन्होंने कहा, “हमारी सरकार का लक्ष्य बेटियों की शिक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।”
स्कूटी वितरण में तेजी लाने के निर्देश
जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस काम में तेजी लाने के लिए कहा गया है। अधिकारियों को स्कूटी की स्थिति की जांच करने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि सभी वाहन उपयोग के लिए उपयुक्त हों। इस कदम से न केवल योजनाओं का लाभ छात्राओं तक पहुंचेगा, बल्कि सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग को भी रोका जा सकेगा।
अगले दो महीने में स्कूटी वितरण का लक्ष्य
सीएम भजनलाल शर्मा का यह सख्त रुख प्रशासनिक जवाबदेही को दर्शाता है। हालांकि, दो महीने में वितरण का लक्ष्य चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि गोदामों में स्कूटियों की संख्या और उनकी स्थिति की जांच में समय लग सकता है। जनता और विपक्ष इस मामले पर नजर रखे हुए हैं। यह कदम सरकार की प्रतिबद्धता को तो दर्शाता है, लेकिन इसका सफल कार्यान्वयन ही इसकी असली सार्थकता साबित करेगा।