नई दिल्ली। भारत में कोविड-19 के मामलों में फिर से उछाल देखा जा रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 31 मई 2025 तक देश में सक्रिय कोविड मामलों की संख्या 2,710 हो गई है। पिछले कुछ महीनों की शांति के बाद, मई के अंतिम सप्ताह में संक्रमणों में पांच गुना वृद्धि दर्ज की गई। केरल में सबसे ज्यादा 1,147 मामले सामने आए हैं, जबकि महाराष्ट्र में 424 और दिल्ली में 294 मामले दर्ज किए गए हैं।
पिछले 24 घंटों में सात लोगों की मौत हुई, जिससे इस साल के पहले पांच महीनों में मृतकों की संख्या 22 हो गई। महाराष्ट्र में दो, जबकि दिल्ली, गुजरात, कर्नाटक, पंजाब और तमिलनाडु में एक-एक मौत दर्ज की गई। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अधिकांश मामले हल्के हैं और घबराने की जरूरत नहीं है। केरल में ज्यादा मामले संभवतः अधिक टेस्टिंग के कारण हैं।
कोरोना के नए सब वेरिएंट्स के मामले में तेजी
नए ओमिक्रॉन सब-वेरिएंट्स, LF.7 और NB.1.8.1, इस उछाल के लिए जिम्मेदार माने जा रहे हैं, हालांकि JN.1 अभी भी प्रमुख स्ट्रेन है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इन नए वेरिएंट्स को न तो ‘वेरिएंट ऑफ कंसर्न’ (VOC) और न ही ‘वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट’ (VOI) के रूप में वर्गीकृत किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि ये वेरिएंट्स कुछ हद तक इम्यूनिटी को चकमा दे सकते हैं, लेकिन गंभीर संक्रमण का कोई सबूत नहीं है।
दिल्ली में 60 वर्षीय एक महिला की कोविड से पहली मौत दर्ज की गई। नोएडा में एक 55 वर्षीय महिला, जो हाल ही में ट्रेन से यात्रा की थी, पॉजिटिव पाई गई और वह होम क्वारंटाइन में है। कोलकाता में भी 10 सक्रिय मामले सामने आए, जिनमें से छह लोग अस्पताल में भर्ती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कमजोर व्यक्तियों के लिए मास्क और सैनिटाइजर जैसे निवारक उपायों की सलाह दी है। भारत में वैक्सीन का पर्याप्त भंडार है, और अधिकारियों ने भविष्य की जरूरतों के लिए तैयार रहने की पुष्टि की है।