नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार, 24 जुलाई को मुंबई में उद्योगपति अनिल अंबानी से जुड़े कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा अनिल अंबानी और उनकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) को ‘फ्रॉड’ घोषित करने के कुछ दिनों बाद हुई। ईडी की टीमें दिल्ली और मुंबई से पहुंचीं और रिलायंस अनिल अंबानी ग्रुप (रागा) से जुड़ी कंपनियों के 35 से 50 ठिकानों पर तलाशी ली, जिसमें लगभग 25 व्यक्तियों से पूछताछ की गई। हालांकि, अनिल अंबानी के निजी आवास पर छापेमारी नहीं हुई। यह जांच मनी लॉन्ड्रिंग और यस बैंक से 3,000 करोड़ रुपये के कथित ऋण धोखाधड़ी मामले से संबंधित है।
एसबीआई ने 13 जून 2025 को आरकॉम और अनिल अंबानी को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों और अपनी आंतरिक नीति के तहत ‘फ्रॉड’ घोषित किया था। बैंक ने 24 जून को इसकी सूचना आरबीआई को दी और अब केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के पास शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया में है। एसबीआई का आरकॉम के प्रति वित्तीय जोखिम बड़ा है, जिसमें 2,227.64 करोड़ रुपये का मूलधन और 26 अगस्त 2016 से ब्याज व अन्य खर्च शामिल हैं। इसके अलावा, 786.52 करोड़ रुपये की गैर-निधि आधारित बैंक गारंटी भी है।
3,000 करोड़ रुपये के ऋण में अनियमितताएं सामने आई
ईडी की जांच में यस बैंक द्वारा 2017-2019 के बीच रागा कंपनियों को दिए गए 3,000 करोड़ रुपये के ऋण में अनियमितताएं सामने आई हैं। जांच में संदिग्ध लेनदेन, शेल कंपनियों में धन हस्तांतरण, अपर्याप्त दस्तावेज, और ‘लोन एवरग्रीनिंग’ जैसे मुद्दे उजागर हुए हैं। इसके अतिरिक्त, यस बैंक के अधिकारियों और प्रमोटरों पर रिश्वत लेने का भी आरोप है। यह कार्रवाई नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, और सीबीआई द्वारा दर्ज दो प्राथमिकियों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।
यह मामला अनिल अंबानी के लिए नई मुश्किलें खड़ी कर सकता है, जिनका व्यवसायिक साम्राज्य पहले ही कई विवादों और वित्तीय संकटों का सामना कर चुका है। ईडी की यह जांच उनकी कंपनियों के वित्तीय लेनदेन और कथित अनियमितताओं पर गहन नजर रखेगी।