नई दिल्ली। बारामूला से लोकसभा सांसद शेख अब्दुल रशीद को दिल्ली की एक अदालत द्वारा आतंकी फंडिंग मामले में 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत देने के बाद बुधवार को तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर निकलते हुए इंजीनियर रशीद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘नया कश्मीर’ कथन के खिलाफ लड़ने की कसम खाई। उनकी रिहाई से उन्हें आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार करने की इजाजत मिल गई।
अब्दुल राशिद ने कहा, “साढ़े पांच साल तक जेल में रहने के बाद मैं खुद को मजबूत महसूस करता हूं और अपने लोगों पर गर्व करता हूं। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं अपने लोगों को निराश नहीं करूंगा। मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं मोदी के ‘नया कश्मीर’ के बयान के खिलाफ लड़ूंगा, जिसने जम्मू-कश्मीर में बुरी तरह विफल रहे। 5नअगस्त, 2019 को जो कुछ भी किया, लोगों ने उसे खारिज कर दिया।
2017 में एनआईए ने किया था गिरफ्तार
जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, राशिद को शाम 4.15 बजे जेल से रिहा कर दिया गया। उनकी रिहाई जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले हुई है। राशिद को 2017 के आतंकी फंडिंग मामले में गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद 2019 से जेल में रखा गया है।
लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया
राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बारामूला में पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को हराया था। 2024 का विधानसभा चुनाव अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर में पहला स्थानीय चुनाव होगा। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों- 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। राशिद की पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (एआईपी) आगामी विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।