नई दिल्ली। भाजपा का सत्तारूढ़ गठबंधन और कांग्रेस का विपक्षी गुट बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए आमने-सामने होंगे। दरअसल, बीजेपी ने कांग्रेस से लोकसभा स्पीकर पद के लिए समर्थन की मांग की। इस पर कांग्रेस ने डिप्टी स्पीकर का पद मांगा। बीजेपी की तरफ से इसपर कोई आश्वासन नहीं मिलता देख कांग्रेस ने के. सुरेश को स्पीकर पोस्ट के लिए उम्मीदवार बना दिया।
भारत के राजनीतिक इतिहास में पहली बार होगा, जब स्पीकर के पद के लिए चुनाव होंगे। अभी तक स्पीकर पद सत्ता पक्ष तो डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार इस पर सहमति न बन पाने का अर्थ है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच संबंधों में दरार है। कल सुबह 11 बजे होने वाले चुनाव में राजस्थान के कोटा से तीन बार सांसद रहे भाजपा के ओम बिड़ला का मुकाबला केरल के मवेलिकारा से आठ बार सांसद रहे कांग्रेस के कोडिकुन्निल सुरेश से होगा। सुरेश 18वीं लोकसभा में सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सांसद हैं।
भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन के बहुमत को देखते हुए बिड़ला के जीतने की संभावना है। लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव सांसदों के साधारण बहुमत से होता है। सत्तारूढ़ गठबंधन इंडिया ब्लॉक के 232 के मुकाबले एनडीए को 293 वोट है।
यह पार्टी का फैसला है: के. सुरेश
अपना पर्चा दाखिल करने के बाद सुरेश ने प्रेस से कहा, “यह पार्टी का फैसला है… मेरा नहीं। एक परंपरा है… कि उपसभापति विपक्ष से होगा। लेकिन वे (भाजपा) ऐसा करने के लिए तैयार नहीं हैं। हम सुबह 11.50 बजे तक इंतजार कर रहे थे… लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई इसलिए हमने नामांकन दाखिल किया।”
विपक्षी दल से उपसभापति हो, ऐसी कोई मिसाल नहीं: पीयूष गोयल
हालांकि, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने उस दावे का खंडन करते हुए कहा कि ऐसी कोई मिसाल नहीं है कि उपसभापति का पद किसी विपक्षी दल के सदस्य को दिया जाना चाहिए।