‘5,000 करोड़ रुपये की संपत्ति के मुख्य लाभार्थी है गांधी परिवार’, नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का जवाब

नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में 9 अप्रैल को दायर इस चार्जशीट में सोनिया को आरोपी नंबर 1 और राहुल को आरोपी नंबर 2 नामित किया गया है। मामले की अगली सुनवाई 25 अप्रैल को होगी।

ईडी ने कांग्रेस नेताओं सैम पित्रोदा, सुमन दूबे, यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड, डोटेक्स मर्चेंडाइज और सुनील भंडारी को भी आरोपी बनाया है। यह मामला 2014 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी की शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें आरोप लगाया गया कि यंग इंडियन ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) की 2,000 करोड़ रुपये की संपत्तियों को केवल 50 लाख रुपये में हासिल किया।

यंग इंडियन को 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया

ईडी का दावा है कि सोनिया और राहुल, जो यंग इंडियन में 76% हिस्सेदारी रखते हैं, ने आपराधिक साजिश रची। इस साजिश के तहत, कांग्रेस द्वारा एजेएल को दिए गए 90.21 करोड़ रुपये के कर्ज को 9.02 करोड़ रुपये के इक्विटी शेयरों में बदला गया, जिसे यंग इंडियन को 50 लाख रुपये में हस्तांतरित कर दिया गया। इससे सोनिया और राहुल को एजेएल की संपत्तियों का लाभकारी स्वामित्व मिला, जिनका वर्तमान मूल्य 5,000 करोड़ रुपये बताया जा रहा है। ईडी ने 2023 में 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और 90.2 करोड़ रुपये के एजेएल शेयरों को कुर्क किया था, जिसे 10 अप्रैल 2024 को पुष्ट किया गया।

दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में संपत्तियों पर कब्जे की प्रक्रिया शुरू की

कांग्रेस ने इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है। पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह कार्रवाई राज्य प्रायोजित अपराध है और कांग्रेस चुप नहीं रहेगी। ईडी ने 11 अप्रैल को दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में संपत्तियों पर कब्जे की प्रक्रिया शुरू की, जिसमें हेराल्ड हाउस भी शामिल है। जांच 2021 में शुरू हुई, और ईडी ने सोनिया और राहुल से कई बार पूछताछ की। यह मामला राजनीतिक विवाद का केंद्र बना हुआ है, जिसमें कांग्रेस इसे विपक्ष को डराने की साजिश बता रही है।

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