नई दिल्ली। सोमवार को भारत में सोने की कीमत ने ऐतिहासिक 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर लिया। खुदरा बाजार में 24 कैरेट सोने की कीमत 97,200 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो 3% जीएसटी के साथ 1 लाख रुपये से अधिक हो गई। वैश्विक बाजार में सोना 3,400 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा। इस उछाल का मुख्य कारण अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध, भू-राजनीतिक तनाव और कमजोर अमेरिकी डॉलर हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने निवेशकों को सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की ओर आकर्षित किया है। गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि सोना निकट भविष्य में 3,700 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकता है और अगर व्यापार तनाव बढ़ता है, तो यह 4,500 डॉलर तक जा सकता है। इससे भारत में सोने की कीमत 1.25 लाख रुपये तक पहुंच सकती है। मोतीलाल ओसवाल के नवनाथ दमानी ने सलाह दी कि निवेशक ‘गिरावट पर खरीदारी’ की रणनीति अपनाएं, क्योंकि वैश्विक नीतिगत अनिश्चितता सोने को आकर्षक बनाए रखेगी।
सोने और चांदी की कीमतों में अस्थिरता रह सकती है
हालांकि, कुछ विशेषज्ञ सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं। प्रिथ्वी फिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन ने कहा कि इस सप्ताह सोने और चांदी की कीमतों में अस्थिरता रह सकती है, इसलिए ताजा पोजीशन लेने से बचें। कोटक महिंद्रा बैंक के संस्थापक उदय कोटक ने भारतीय गृहणियों की निवेश समझदारी की तारीफ की, जिन्होंने लंबे समय से सोने में निवेश किया है।
निवेश के लिए सोना एक सुरक्षित विकल्प
क्या आपको निवेश करना चाहिए? विशेषज्ञों का कहना है कि अगर आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो सोना एक सुरक्षित विकल्प हो सकता है, लेकिन अल्पकालिक निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। कीमतों में सुधार होने पर खरीदारी बेहतर हो सकती है। अक्षय तृतीया जैसे त्योहारों से पहले मांग बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन उच्च कीमतें बिक्री को प्रभावित कर सकती हैं। सोने का भविष्य वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाओं पर निर्भर करेगा।