भारतीय इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में चाइनीज प्रोडक्ट की भरमार हैं। तमाम रोक और अभियानों के बावजूद भी मार्केट में घटिया इलेक्ट्रॉनिक प्रॉडक्ट की बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है। आए दिन घरों में बिजली से जुड़े हादसे होते रहते हैं। इस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सख्त नियम बनाए हैं। अब से कोई भी दुकानदार अगर घटिया सामान बेचते पाए गए या कोई भी कंपनी प्रोडक्शन करती है, तो उसे पर जुर्माने के साथ-साथ जेल भेजने की भी कार्रवाई की जाएगी।
सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात पर लगाया अंकुश
सरकार ने घटिया वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने के लिए और रेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ‘स्विच-सॉकेट-आउटलेट’ और ‘केबल ट्रंकिंग’ जैसे बिजली के समान के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मापदंड जारी किए हैं। इस संबंध में उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग ने विद्युत सहायक उपकरण आदेश तथा 23 जारी किए है।
क्या है नया आदेश
DPIIT के अनुसार वस्तुओं का उत्पादन या बिक्री या व्यापार या आयात या भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता, जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का चिन्ह अंकित ना हो। यह आदेश अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से 6 महीने बाद लागू होगा और आदेश में कुछ भी निर्यात करने के लिए घरेलू स्तर पर बने प्रोडक्ट पर इस कानून को लागू नहीं किया गया है।
छोटे उद्यमों को मिलेगी छूट
छोटे उद्यमों जैसे लघु कुटिल एवं मझौले क्षेत्र के सुरक्षा के लिए आदेश को पालन करने में छूट दी गई है। छोटे उद्योगों को 9 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है, जबकि सूक्ष्म उद्यमों को 12 महीने का अतिरिक्त समय दिया गया है। डीपीआईआईटी बीआईएस और हितधारकों के परामर्श से गुणवत्ता नियंत्रण आदेश को अधिसूचित करने के लिए प्रमुख उत्पादों की सूचना पहचान कर रहा है।
क्या होगी कार्रवाई
BIS अधिनियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 2 साल तक की कैद या कम से कम दो लाख रुपए का जुर्माना हो सकता है। गुणवत्ता परीक्षण प्रयोगशालाओं और उत्पाद नियमावली बनाने के साथ यह पहल देश में एक गुणवत्ता पारिस्थितिकी तंत्र बनाने में मदद करेंगे।