पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान ने हाफिज सईद की सुरक्षा चार गुना बढ़ाई, सेना और ड्रोन तैनात

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद की सुरक्षा को चार गुना बढ़ा दिया है। भारत द्वारा इस हमले का मास्टरमाइंड हाफिज सईद को ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान ने उसके लाहौर स्थित आवास के आसपास अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान सेना, आईएसआई और लश्कर के ऑपरेटिव्स संयुक्त रूप से सईद की सुरक्षा की निगरानी कर रहे हैं। इसके लिए ड्रोन निगरानी और चार किलोमीटर के दायरे में हाई-रिजॉल्यूशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।

भारत ने हाफिज सईद पर हमले की जिम्मेदारी

पहलगाम के बैसारन घाटी में हुए इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा की छद्म शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने ली थी। भारतीय खुफिया एजेंसियों का मानना है कि हाफिज सईद ने इस हमले की योजना बनाई थी। हमले में 25 भारतीय और एक नेपाली पर्यटक मारे गए, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कूटनीतिक तनाव चरम पर पहुंच गया। भारत ने सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, अटारी-वाघा सीमा बंद कर दी, और पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द कर दिए।

हाफिज को वैश्विक आतंकी घोषित किया गया

जवाब में, पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और व्यापार रोक दिया। हाफिज सईद, जिसे संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने वैश्विक आतंकी घोषित किया है और जिस पर 10 मिलियन डॉलर का इनाम है, लाहौर के मोहल्ला जोहर टाउन में खुले तौर पर रहता है।

सैटेलाइट तस्वीरों और वीडियो से पता चलता है कि उसका परिसर तीन मुख्य संरचनाओं- मजबूत आवास, एक बड़ी मस्जिद और मदरसा, और एक निजी पार्क—से मिलकर बना है। यह क्षेत्र घनी आबादी वाला है, जिसे जानबूझकर चुना गया ताकि किसी सैन्य कार्रवाई को रोकना मुश्किल हो। 2021 में सईद के आवास के पास कार बम विस्फोट के बाद उसकी सुरक्षा और सख्त की गई थी।

सईद की सुरक्षा में स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो शामिल

पाकिस्तान की इस बढ़ी हुई सुरक्षा व्यवस्था में स्पेशल सर्विस ग्रुप के कमांडो शामिल हैं और सईद के आवास को अस्थायी उप-जेल घोषित किया गया है। एक किलोमीटर के दायरे में गेस्चर-डिटेक्शन सीसीटीवी सिस्टम के साथ एक समर्पित कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। यह कदम भारत की संभावित गुप्त कार्रवाई के डर से उठाया गया है, खासकर 2019 के बालाकोट हवाई हमले के बाद, जिसने पाकिस्तानी आतंकी नेताओं में खौफ पैदा किया था।

 

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