हरियाणा में डीएपी खाद की भारी कमी, उर्वरक केंद्रों पर लंबी कतारें; पुलिस तैनात, विपक्षी दलों का BJP पर हमला

नई दिल्ली। हरियाणा रबी की बुआई के मौसम से कुछ दिन पहले आवश्यक उर्वरक डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) की गंभीर कमी का सामना कर रहा है। कुछ जिलों में उर्वरक वितरण केंद्रों पर किसानों की लंबी कतारें देखी जा रही हैं, किसी भी अप्रिय स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है।

कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने किसानों के एक समूह पर लाठीचार्ज किया। हालांकि, विपक्षी नेताओं के दावों का खंडन करते हुए हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि राज्य में यूरिया और डीएपी का पर्याप्त स्टॉक है। डाई-अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) एक उर्वरक है, जिसका उपयोग गेहूं और सरसों सहित कई फसलों की खेती के लिए किया जाता है।

डीएपी भारत में सबसे ज्यादा होता है इस्तेमाल

यूरिया के बाद, डीएपी भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला उर्वरक है। भारत में डीएपी की वार्षिक मांग लगभग 100 लाख टन है। विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा में पहले भी इसी तरह का डीएपी संकट देखा गया है, और हाल ही में 2021 में भी। वह भी अक्टूबर में गेहूं और सरसों की बुवाई के मौसम के दौरान था। स्थिति यह थी कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मात्र 50-60 किलोमीटर दूर मेवात क्षेत्र के एक पुलिस थाने में डीएपी बेची जा रही थी।

विपक्षी दलों ने भाजपा पर बोला हमला

हरियाणा में मौजूदा उर्वरक संकट के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है। सिरसा से कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा, “कई जगहों पर स्थिति गंभीर हो गई है और किसानों को विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।” 26 अक्टूबर को शैलजा ने एक्स पर उचाना मंडी में डीएपी उर्वरक लेने आए किसानों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की घटना के बारे में लिखा था, जो भाजपा सरकार की दमनकारी नीतियों को दर्शाता है। हरियाणा में किसानों के साथ ऐसा अमानवीय व्यवहार स्वीकार्य नहीं है।

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