झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 45 विधायकों का समर्थन हासिल करने के बाद सोमवार को राज्य विधानसभा में विश्वासमत जीत लिया। इस सप्ताह की शुरुआत में पदभार संभालने के बाद हेमंत सोरेन ने एक कथित भूमि घोटाले में झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिलने पर विश्वास प्रस्ताव पेश किया था।
81 सदस्यीय विधानसभा में हेमंत सोरेन की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ गठबंधन के 45 विधायक हैं, इनमें जेएमएम-27, कांग्रेस-17 और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का 1 विधायक है। भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष के पास 30 सदस्य हैं। कुछ सदस्यों के लोकसभा के लिए निर्वाचित होने के बाद सदन की कुल सदस्य संख्या घटकर 76 रह गई, जिससे बहुमत का आंकड़ा घटकर 38 रह गया।
4 जुलाई को सीएम पद की ली थी शपथ
झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर बहस के लिए एक घंटा आवंटित किया। उम्मीद है कि विश्वास मत पारित होने के बाद हेमंत सोरेन अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे। झामुमो नेता ने अपने पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद 4 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
भूमि ‘घोटाले’ से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा जमानत दिए जाने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। मामले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तारी से कुछ समय पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।