नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 21 जुलाई 2025 को संसद में पक्षपात का गंभीर आरोप लगाया। रिपोर्ट के अनुसार, राहुल गांधी ने दावा किया कि उन्हें लोकसभा में बोलने का पर्याप्त अवसर नहीं दिया जा रहा है, जो संसदीय लोकतंत्र के लिए खतरा है। उन्होंने कहा, “मैं विपक्ष का नेता हूं, लेकिन मुझे संसद में अपनी बात रखने से रोका जा रहा है। यह पक्षपात संविधान और जनता की आवाज को दबाने का प्रयास है।”
राहुल गांधी ने यह बयान बजट सत्र के दौरान दिया, जब विपक्षी दलों ने कई मुद्दों, विशेष रूप से अहमदाबाद में हाल ही में हुए एयर इंडिया विमान हादसे और बिहार में बाढ़ संकट, पर चर्चा की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि सभापति ओम बिरला उनकी मांगों को अनदेखा कर रहे हैं और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) के एजेंडे को प्राथमिकता दे रहे हैं। गांधी ने कहा कि विपक्ष को केवल औपचारिक समय दिया जाता है, जबकि गंभीर मुद्दों पर बहस से बचा जाता है।
बिहार में बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने विमान हादसे की स्वतंत्र जांच और बिहार में बाढ़ प्रभावितों के लिए विशेष राहत पैकेज की मांग की है। राहुल ने दावा किया कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा से बच रही है, क्योंकि इससे उनकी नाकामियां उजागर होंगी। उन्होंने यह भी कहा कि संसद में विपक्ष की आवाज को दबाने का यह पैटर्न 2024 के आम चुनावों के बाद से और बढ़ गया है, जब विपक्ष ने मजबूत प्रदर्शन किया था।
राहुल गांधी संसद की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश कर रहे: BJP
सत्तारूढ़ दल ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी संसद की कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश कर रहे हैं। BJP प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, “विपक्ष को बोलने का पूरा मौका मिलता है, लेकिन राहुल गांधी केवल राजनीतिक ड्रामा करना चाहते हैं।” इस बीच, विपक्ष ने सत्र के दौरान हंगामा करने और संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है। यह विवाद संसद के बजट सत्र को और गर्माने की संभावना है, क्योंकि विपक्ष सरकार पर दबाव बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रहा है।