नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 10 जून को नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर से ऐक्सिऑम-4 (Ax-4) मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने को तैयार हैं। 9 जून को शुक्ला और उनकी टीम ने स्पेसएक्स के साथ लॉन्च डे ऑपरेशंस का अंतिम ड्रेस रिहर्सल और फाल्कन-9 रॉकेट का स्टैटिक फायर टेस्ट सफलतापूर्वक पूरा किया।
यह मिशन भारत के लिए 41 साल बाद मानव अंतरिक्ष उड़ान में वापसी का प्रतीक है, जब 1984 में राकेश शर्मा अंतरिक्ष में गए थे। शुक्ला ने इस मिशन को अद्भुत यात्रा बताते हुए कहा कि वह इसे हिस्सा बनने के लिए बेहद भाग्यशाली हैं।
शुक्ला 400 किलोमीटर ऊपर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे
39 वर्षीय शुक्ला इस 14-दिवसीय मिशन में ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट के पायलट होंगे। उनके साथ अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन (कमांडर), पोलैंड के स्लावोश उज्नान्स्की-विनीव्स्की और हंगरी के टिबोर कपु होंगे। शुक्ला 400 किलोमीटर ऊपर ISS पर 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें सात इसरो द्वारा विकसित हैं। ये प्रयोग माइक्रोग्रैविटी में मांसपेशियों की हानि, स्क्रीन टाइम के प्रभाव और माइक्रोएल्गी की वृद्धि पर केंद्रित हैं।
शुक्ला ने कहा, “मैं 1.7 अरब भारतीयों की आकांक्षाएं लेकर जा रहा हूं।” वह अपने आदर्श राकेश शर्मा के लिए एक व्यक्तिगत आश्चर्य भी अंतरिक्ष में ले जा रहे हैं, जिसे वह लौटने पर उन्हें भेंट करेंगे। मिशन का लॉन्च 10 जून को शाम 5:52 बजे IST पर निर्धारित है, जिसमें 28 घंटे बाद ISS से डॉकिंग होगी। शुक्ला योग प्रदर्शन और भारतीय छात्रों के साथ लाइव सत्र के माध्यम से संस्कृति का प्रदर्शन भी करेंगे।
भारत की गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण अनुभव
यह मिशन नासा, इसरो और ऐक्सिऑम स्पेस के सहयोग से भारत की गगनयान मिशन के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा। शुक्ला की उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में एक नया अध्याय जोड़ेगी, जो युवाओं को प्रेरित करेगा। लखनऊ निवासी शुक्ला के घर को उनके पोस्टरों से सजाया गया है, जो इस ऐतिहासिक क्षण के लिए देश के उत्साह को दर्शाता है।