नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की जान गई। इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल की सुरक्षा समिति (सीसीएस) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पांच बड़े फैसले लिए गए, जिनमें 1960 की इंडस वाटर ट्रीटी को निलंबित करना और अटारी-वाघा सीमा चेकपोस्ट को तत्काल बंद करना शामिल है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह निलंबन तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को पूरी तरह बंद नहीं करता।
इंडस वाटर ट्रीटी, जो भारत से पाकिस्तान को प्रतिवर्ष 39 अरब घन मीटर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करती है, दोनों देशों के बीच सहयोग का प्रतीक थी। इस निलंबन से पाकिस्तान की कृषि और जल सुरक्षा पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि वह सिंधु नदी प्रणाली पर बहुत हद तक निर्भर है। अटारी-वाघा चेकपोस्ट, जो व्यापार और लोगों के आवागमन का प्रमुख केंद्र था, के बंद होने से दोनों देशों के बीच व्यापार, खासकर छोटे व्यापारियों को नुकसान होगा। 2023-24 में इस चेकपोस्ट से 3,886.53 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था।
पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने के आदेश
इसके अलावा, भारत ने पाकिस्तानी उच्चायोग के सैन्य सलाहकारों को ‘पर्सोना नॉन ग्राटा’ घोषित कर एक सप्ताह में देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत ने अपने सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने और दोनों देशों के दूतावासों में कर्मचारियों की संख्या 55 से घटाकर 30 करने का फैसला किया है। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए सार्क वीजा छूट रद्द कर दी गई है, और भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में देश छोड़ने को कहा गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह हमला जम्मू-कश्मीर में सफल चुनावों और आर्थिक प्रगति के बाद हुआ, जिसे आतंकवाद के जरिए बाधित करने की कोशिश की गई। भारत ने वादा किया है कि हमले के दोषियों और उनके प्रायोजकों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।