बालासोर। ओडिशा के बालासोर में फकीर मोहन स्वायत्त कॉलेज की एक 20 वर्षीय छात्रा की आत्मदाह के बाद मृत्यु ने पूरे देश में आक्रोश फैला दिया है। छात्रा ने अपने विभागाध्यक्ष पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, लेकिन कॉलेज प्रशासन और पुलिस की कथित निष्क्रियता के कारण उसने यह चरम कदम उठाया। 90% से अधिक जलने के कारण उसकी स्थिति गंभीर थी, और भुवनेश्वर के AIIMS में इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई। इस घटना ने बीजेपी सरकार पर सवाल उठाए हैं, जिसे विपक्ष ने महिलाओं की सुरक्षा में विफलता का प्रतीक बताया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे “बीजेपी के सिस्टम द्वारा हत्या” करार दिया। उन्होंने कहा कि छात्रा ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई, लेकिन उसे धमकियां और अपमान मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “देश की बेटियों को सुरक्षा और न्याय चाहिए।”
नवीन पटनायक ने उठाए सवाल
बीजू जनता दल (BJD) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इसे “संस्थागत विश्वासघात” बताया। उन्होंने बताया कि छात्रा ने कॉलेज प्राचार्य, उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय और केंद्रीय मंत्री तक अपनी शिकायत पहुंचाई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पटनायक ने राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की।
17 जुलाई को ओडिशा बंद का आह्वान किया
विपक्षी दलों, BJD और कांग्रेस, ने 17 जुलाई को ओडिशा बंद का आह्वान किया है। भुवनेश्वर और बालासोर में प्रदर्शन हुए, जहां पुलिस के साथ झड़प भी हुई। बीजेपी नेता धर्मेंद्र प्रधान ने राहुल गांधी पर ‘सस्ती राजनीति’ का आरोप लगाया, जबकि मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दोषियों को सख्त सजा का आश्वासन दिया। राष्ट्रीय महिला आयोग ने ओडिशा DGP से निष्पक्ष जांच की मांग की है।
आरोपी प्रोफेसर को गिरफ्तार कर निलंबित किया गया है, और कॉलेज प्राचार्य भी निलंबित हैं। सरकार ने उच्च-स्तरीय जांच समिति गठित की है। यह घटना उच्च शिक्षा संस्थानों में शिकायत निवारण तंत्र की आवश्यकता को रेखांकित करती है।