येरुशलम। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजमिन नेतन्याहू ने दावा किया है कि ईरान ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को अपना नंबर एक दुश्मन मानते हुए उनकी हत्या की साजिश रची थी। फॉक्स न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में नेतन्याहू ने कहा कि ईरान, ट्रम्प को अपने परमाणु कार्यक्रम के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता है, क्योंकि उन्होंने ईरान के साथ परमाणु समझौते को रद्द किया और कासिम सुलेमानी की हत्या का आदेश दिया।
नेतन्याहू ने बताया कि ईरान ने ट्रम्प की हत्या के लिए दो बार कोशिश की, जिसमें उनके प्रॉक्सी और खुफिया जानकारी का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, अमेरिकी अधिकारियों ने इन दावों को पूरी तरह पुष्ट नहीं किया है।
परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अस्तित्व के लिए खतरा
नेतन्याहू ने यह भी कहा कि ईरान ने उन्हें भी निशाना बनाने की कोशिश की, लेकिन ट्रम्प को प्राथमिक लक्ष्य माना गया। उन्होंने इजरायल की हालिया सैन्य कार्रवाइयों का बचाव करते हुए कहा कि ईरान के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम अस्तित्व के लिए खतरा है। इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के परमाणु ठिकानों, सैन्य मुख्यालयों और मिसाइल कारखानों पर हमले किए, जिसमें कई शीर्ष कमांडर और वैज्ञानिक मारे गए। नेतन्याहू ने दावा किया कि ये हमले ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए जरूरी थे।
अमेरिका को इजरायल के हमलों की जानकारी पहले से
दूसरी ओर, ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका को इजरायल के हमलों की जानकारी पहले से थी, लेकिन इसमें प्रत्यक्ष भूमिका नहीं निभाई। उन्होंने कूटनीति के जरिए ईरान के साथ समझौता करने की इच्छा जताई, लेकिन चेतावनी दी कि अगर ईरान ने हमला किया तो अमेरिका पूरी ताकत से जवाब देगा। ईरान ने इन हमलों के जवाब में इजरायल पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिसमें तेल अवीव और हाइफा में विस्फोट हुए। ईरानी विदेश मंत्रालय ने इजरायल के सर्जिकल स्ट्राइक के दावों को झूठा बताया, जिसमें 73 महिलाएं और बच्चे मारे गए। यह संघर्ष मध्य पूर्व में तनाव को और बढ़ा रहा है।