नई दिल्ली। स्थानीय मीडिया ने गुरुवार को इजरायली जनसंख्या एवं आव्रजन प्राधिकरण के हवाले से बताया कि भारत के दस श्रमिकों को पश्चिमी तट के एक गांव से रात में बचा लिया गया, जहां उन्हें उनके पासपोर्ट छीन लिए जाने के बाद एक महीने से अधिक समय तक बंधक बनाकर रखा गया था।
टाइम्स ऑफ इजराइल ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि फिलीस्तीनियों ने काम का वादा करके वेस्ट बैंक के अल-जायम गांव में श्रमिकों को बुलाया और फिर उनके पासपोर्ट ले लिए और उनका इस्तेमाल करके इजराइल में घुसने की कोशिश की। रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्माण उद्योग में काम करने के लिए मूल रूप से इजराइल आए श्रमिकों को इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) और न्याय मंत्रालय के साथ जनसंख्या और आव्रजन प्राधिकरण के नेतृत्व में रात भर चले अभियान में बचाया गया।
फिलिस्तीनियों ने भारतीय पासपोर्ट का किया इस्तेमाल
इसमें कहा गया है कि जब तक उनकी रोजगार स्थिति निर्धारित नहीं हो जाती, उन्हें सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया है। कहा जाता है कि आईडीएफ ने पासपोर्ट के अवैध उपयोग की पहचान की और बाद में उन्हें उनके मालिकों को लौटा दिया। समाचार पोर्टल Ynetnews ने बताया कि फिलिस्तीनियों ने भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करके आसानी से चेकपॉइंट पार करके इजरायल में प्रवेश किया।
पिछले साल 16 हजार श्रमिक पहुंचे इजरायल
Ynetnews ने बताया कि इजरायली बलों ने एक चेकपॉइंट पर कुछ संदिग्धों को रोका, जिसके बाद भारतीय श्रमिकों को बरामद किया गया। ऐसा कहा जाता है कि पिछले एक साल में भारत से करीब 16,000 श्रमिक निर्माण उद्योग में काम करने के लिए इजरायल आए हैं, ताकि हमास के 7 अक्टूबर, 2023 के हमले के बाद हजारों फिलिस्तीनी निर्माण श्रमिकों को इजरायल में प्रवेश करने से रोक दिए जाने के बाद खाली हुए स्थान को भरा जा सके।