नई दिल्ली। भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजीव खन्ना का नाम प्रस्तावित किया है। एक बार केंद्र से मंजूरी मिलने के बाद वह भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश बन जाएंगे और 13 मई, 2025 को सेवानिवृत्त होने से पहले उनका कार्यकाल छह महीने का होगा।
मुख्य न्यायाधीश चंद्रचूड़ अगले महीने 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं।
न्यायमूर्ति खन्ना को 18 जनवरी, 2019 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था। शीर्ष अदालत में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने 17 जून, 2023 से 25 दिसंबर, 2023 तक सुप्रीम कोर्ट कानूनी सेवा समिति के अध्यक्ष का पद संभाला था। वर्तमान में, वह राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) के कार्यकारी अध्यक्ष और भोपाल में राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी (एनजेए) की गवर्निंग काउंसिल के सदस्य हैं।
डीयू के लॉ सेंटर से की है पढ़ाई
14 मई, 1960 को जन्मे 64 वर्षीय SC जज ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर में कानून की पढ़ाई की और 1983 में बार काउंसिल ऑफ दिल्ली में एक वकील के रूप में दाखिला लिया। उन्होंने शुरुआत में तीस हजारी की जिला अदालतों में प्रैक्टिस की।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर मौजूद जानकारी के अनुसार, उन्होंने संवैधानिक कानून, प्रत्यक्ष कराधान, मध्यस्थता, वाणिज्यिक कानून, कंपनी कानून, भूमि कानून, पर्यावरण कानून और चिकित्सा लापरवाही जैसे विभिन्न क्षेत्रों में न्यायाधिकरणों में काम किया है। उन्होंने आयकर विभाग के वरिष्ठ स्थायी वकील के रूप में एक लंबा कार्यकाल संभाला है।
एससी वेबसाइट ने आगे कहा कि 2004 में, न्यायमूर्ति खन्ना को दिल्ली के राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीटी) के लिए स्थायी वकील (सिविल) के रूप में नियुक्त किया गया था। उच्च न्यायालय में, वह अतिरिक्त लोक अभियोजक और न्याय मित्र की भूमिका में कई आपराधिक मामलों में उपस्थित हुए और बहस की।