नई दिल्ली। मशहूर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उनके निशाने पर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे थे, जिन्हें कुणाल ने अपने हालिया शो में ‘गद्दार’ कहकर तंज कसा। यह टिप्पणी शिंदे के 2022 में शिव सेना से अलग होने और उद्धव ठाकरे के खिलाफ बगावत को लेकर थी।
कुणाल ने अपने प्रदर्शन में फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के एक गाने को बदलकर शिंदे पर व्यंग्य किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस घटना ने शिंदे के नेतृत्व वाली शिव सेना के कार्यकर्ताओं में भारी नाराजगी पैदा की, जिसके बाद उन्होंने मुंबई के खार इलाके में स्थित ‘हैबिटेट कॉमेडी क्लब’ में तोड़फोड़ की, जहां यह शो रिकॉर्ड किया गया था।
कुणाल के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज
शिव सेना (शिंदे गुट) के कार्यकर्ताओं ने कुणाल के खिलाफ खार पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की और उनके खिलाफ FIR भी दर्ज कराई गई। शिकायत में कहा गया कि कुणाल ने शिंदे के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां कीं, जो ‘सार्वजनिक भावनाओं को आहत करने वाली’ और ‘गैरकानूनी’ थीं।
शिंदे की छवि धूमिल करने की साजिश करार दिया
शिव सेना नेता राहुल कनाल ने इसे ‘शिंदे की छवि को धूमिल करने की साजिश’ करार दिया। इसके जवाब में, कार्यकर्ताओं ने होटल यूनिकॉन्टिनेंटल के स्टूडियो में घुसकर कुर्सियां तोड़ीं और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। पुलिस ने इस घटना के बाद 19 शिव सैनिकों के खिलाफ भी FIR दर्ज की, जिसमें राहुल कनाल और अन्य शामिल हैं।
कुणाल कामरा ने दी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया
विवाद बढ़ने के बाद कुणाल कामरा ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अपनी एक तस्वीर पोस्ट की, जिसमें वे भारतीय संविधान की एक प्रति पकड़े हुए नजर आए और कैप्शन में लिखा, “आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता…।” यह पोस्ट उनकी ओर से अभिव्यक्ति की आजादी पर जोर देने का संकेत माना जा रहा है।
कुणाल कामरा से माफी मांगने को कहा
दूसरी ओर, शिव सेना नेताओं ने कड़ी चेतावनी दी। सांसद नरेश म्हस्के ने कहा, “कुणाल को देश में कहीं भी आजादी से घूमने नहीं दिया जाएगा।” MLA मुरजी पटेल ने दो दिनों में माफी मांगने की शर्त रखी, वरना ‘चेहरा काला करने’ की धमकी दी।
शिव सेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे ने इस हमले को ‘कायराना’ करार दिया और राज्य में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए। संजय राउत ने कुणाल के वीडियो को ‘कुणाल का कमाल’ कहकर समर्थन जताया।
हैबिटेट स्टूडियो ने घोषणा की कि वे अस्थायी रूप से बंद रहेंगे
इस घटना ने अभिव्यक्ति की आजादी और राजनीतिक संवेदनशीलता के बीच तनाव को फिर से उजागर कर दिया है। हैबिटेट स्टूडियो ने घोषणा की कि वे अस्थायी रूप से बंद रहेंगे, ताकि ‘स्वतंत्र अभिव्यक्ति के लिए सुरक्षित मंच’ सुनिश्चित किया जा सके। यह विवाद महाराष्ट्र की राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है।