मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद ने मंगलवार को तनावपूर्ण स्थिति पैदा कर दी। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं ने मीरा-भायंदर में एक रैली निकाली, जो व्यापारियों के उस विरोध प्रदर्शन के जवाब में थी, जिसमें एक फूड स्टॉल मालिक पर मराठी न बोलने के लिए हमला किया गया था। इस रैली के लिए पुलिस की अनुमति नहीं थी, जिसके चलते MNS के ठाणे और पालघर प्रमुख अविनाश जाधव सहित कई कार्यकर्ताओं को सुबह 3:30 बजे हिरासत में ले लिया गया। रैली से ठाणे में भारी ट्रैफिक जाम और अराजकता का माहौल रहा।
विवाद की शुरुआत 1 जुलाई को हुई, जब भायंदर में ‘जोधपुर स्वीट शॉप’ के मालिक बाबूलाल चौधरी और उनके कर्मचारी बघाराम पर MNS कार्यकर्ताओं ने मराठी न बोलने पर हमला किया। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया, जिसके बाद व्यापारियों ने हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। MNS ने इस प्रदर्शन के जवाब में रैली निकालने की योजना बनाई, लेकिन पुलिस ने रास्ते को लेकर अनुमति देने से इनकार कर दिया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि रैली को अनुमति नहीं दी गई थी, क्योंकि MNS ने पुलिस द्वारा सुझाए गए वैकल्पिक मार्ग को स्वीकार नहीं किया।
मनसे नेता संदीप देशपांडे ने आपातकाल जैसी स्थिति करार दिया
MNS कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि व्यापारियों को प्रदर्शन की अनुमति दी गई, लेकिन उनकी रैली को रोका गया, जिसे उन्होंने ‘मराठी अस्मिता’ का अपमान बताया। MNS नेता संदीप देशपांडे ने इसे ‘आपातकाल जैसी स्थिति’ करार दिया। दूसरी ओर, फडणवीस ने स्पष्ट किया कि मराठी गौरव के नाम पर गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह विवाद महाराष्ट्र में मराठी भाषा और पहचान को लेकर चल रही बहस का हिस्सा है। हाल ही में, राज ठाकरे और उनके चचेरे भाई उद्धव ठाकरे ने तीन-भाषा नीति के खिलाफ एकजुट होकर सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया था। इस घटना ने राज्य में भाषा और क्षेत्रीय अस्मिता की राजनीति को और गर्म कर दिया है।