‘कीड़ों की तरह जी रहे हैं’, कोचिंग सेंटर में हुई मौतों पर चीफ जस्टिस से बोले IAS के अभ्यर्थी

कोचिंग सेंटर में हुई मौतों पर चीफ जस्टिस से बोले IAS के अभ्यर्थी

नई दिल्ली। एक सिविल सेवा अभ्यर्थी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ से संपर्क कर हाल ही में दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में एक कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन यूपीएससी छात्रों की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।

अपने पत्र में अविनाश दुबे ने दावा किया कि राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख कोचिंग केंद्रों ओल्ड राजिंदर नगर और मुखर्जी नगर के क्षेत्रों में कुप्रबंधन के कारण छात्र कीड़ों की तरह और नरक का जीवन जी रहे हैं।

उन्होंने शीर्ष अदालत से दुर्घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया। दुबे ने लिखा, “मैं आपसे विनम्रतापूर्वक अनुरोध करता हूं कि तीन छात्रों की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें और हमारे मौलिक अधिकारों की रक्षा करें।”

जलभराव का स्थायी समाधान खोंजे: अविनाश दुबे

छात्र ने सुप्रीम कोर्ट से ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर जैसे इलाकों में बार-बार होने वाली जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान खोजने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश देने का भी अनुरोध किया। शनिवार शाम को बारिश के बाद राऊ के आईएएस स्टडी सर्कल कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने से तीन आईएएस अभ्यर्थियों- उत्तर प्रदेश की श्रेया यादव, तेलंगाना की तान्या सोनी और केरल के नेविन डाल्विन की मौत हो गई।

इसके अलावा, दुबे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि इन क्षेत्रों में रहने वाले छात्र वार्षिक बाढ़ के कारण नरक का जीवन झेलते हैं, जो दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा प्रदर्शित उदासीनता का परिणाम है।

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