नई दिल्ली। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने 4 मई को लगभग 15 घंटे की मैराथन प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। यह कॉन्फ्रेंस सुबह 10 बजे शुरू हुई और 14 घंटे 54 मिनट तक चली, जो यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के 2019 में 14 घंटे के रिकॉर्ड को तोड़ता है। मुइज्जू ने इस दौरान पत्रकारों और जनता द्वारा भेजे गए सवालों के जवाब दिए, केवल नमाज के लिए छोटे-छोटे ब्रेक लिए। यह आयोजन विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हुआ, जिसमें मुइज्जू ने प्रेस की भूमिका और निष्पक्ष पत्रकारिता के महत्व पर जोर दिया।
मालदीव सरकार ने इस कॉन्फ्रेंस को देश की 2025 विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में दो स्थान की प्रगति (104वें स्थान) के उत्सव के रूप में भी देखा। मुइज्जू, जो 2023 में सत्ता में आए, ने अपनी सरकार के विकास कार्यों और 2,129 घोषणापत्र वादों पर प्रगति को रेखांकित किया।
शाहिद ने मालदीव और भारत के लोगों से माफी की मांग की
उन्होंने भारत के साथ पूर्ववर्ती सरकार द्वारा हस्ताक्षरित सैन्य समझौतों पर अपने रुख को नरम किया, जिसके लिए उन्हें विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा। विपक्षी नेता अब्दुल्ला शाहिद ने कहा कि मुइज्जू ने 2023 के चुनाव में इन समझौतों को मालदीव की संप्रभुता के लिए खतरा बताकर झूठ बोला था और अब उनकी बातों का खंडन हो गया है। शाहिद ने मालदीव और भारत के लोगों से माफी की मांग की।
कॉन्फ्रेंस में लगभग दो दर्जन पत्रकारों ने हिस्सा लिया
मुइज्जू ने कहा कि वह इन समझौतों को सार्वजनिक करने की अपनी प्रतिबद्धता पर काम कर रहे हैं, लेकिन गोपनीयता के मुद्दों के कारण देरी हुई। इस कॉन्फ्रेंस में लगभग दो दर्जन पत्रकारों ने भाग लिया, जिन्हें भोजन परोसा गया। मालदीव का यह रिकॉर्ड उसकी वैश्विक सुर्खियों में रहने की परंपरा को दर्शाता है, जैसे 2009 में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद द्वारा जलवायु परिवर्तन पर ध्यान आकर्षित करने के लिए आयोजित अंडरवाटर कैबिनेट मीटिंग थी। मुइज्जू की यह पहल जहां पारदर्शिता का प्रतीक है, वहीं उनकी नीतियों और भारत के साथ संबंधों पर सवाल भी उठा रही है।