पंचकूला में सामूहिक आत्महत्या, कर्ज के बोझ ने ली सात जिंदगियां; अब तक क्या-क्या बातें आई सामने?

चंडीगढ़। हरियाणा के पंचकूला में एक घटना ने सभी को झकझोर दिया है। देहरादून से आए एक कारोबारी परिवार के सात सदस्यों ने सेक्टर-27 में एक कार में जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। मृतकों में 42 वर्षीय प्रवीण मित्तल, उनकी पत्नी रीना, माता-पिता, और तीन बच्चे जिसमें दो बेटियां और एक बेटा शामिल हैं। पुलिस को मौके से दो सुसाइड नोट मिले, जिनमें 15-20 करोड़ रुपये के कर्ज और आर्थिक तंगी को इस कदम का कारण बताया गया।

प्रारंभिक जांच के अनुसार, परिवार बाबा बागेश्वर धाम की हनुमान कथा में शामिल होने पंचकूला आया था। सोमवार रात, सेक्टर-27 में एक घर के बाहर खड़ी कार में स्थानीय लोगों ने असामान्य स्थिति देखी। प्रवीण कार के पास अर्ध-बेहोशी में मिले, जबकि अन्य छह सदस्य पहले ही दम तोड़ चुके थे। प्रवीण ने एक स्थानीय निवासी से कहा, “हम भारी कर्ज में हैं, कोई मदद नहीं मिली।” उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी भी मौत हो गई।

वित्तीय और मनोवैज्ञानिक पहलुओं की पड़ताल

पुलिस ने पांच जांच टीमें गठित की हैं, जो वित्तीय और मनोवैज्ञानिक पहलुओं की पड़ताल कर रही हैं। कार से तीन फोन और कुछ खाद्य पदार्थ बरामद हुए, जिनमें जहर मिला होने की आशंका है। प्रवीण का परिवार मूल रूप से हिसार का रहने वाला था और 2008 से आर्थिक संकट का सामना कर रहा था। बद्दी में स्क्रैप प्रोसेसिंग यूनिट और देहरादून में टूर-ट्रैवल व्यवसाय में नुकसान के बाद प्रवीण टैक्सी चालक के रूप में काम कर रहे थे।

सहायता मिलती तो यह त्रासदी टल सकती थी

विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर भावनात्मक और सामाजिक सहायता मिलती तो यह त्रासदी टल सकती थी। समाजशास्त्री डॉ. राजेश गिल ने कहा, “ऐसे मामलों में सामाजिक समर्थन की कमी बड़ी वजह बनती है।” पुलिस ने पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक जांच शुरू कर दी है। यह घटना समाज के लिए एक चेतावनी है कि आर्थिक दबाव और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना कितना जरूरी है।

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