मुंबई। महाराष्ट्र के विरार में मराठी भाषा को लेकर चल रहे विवाद ने हिंसक रूप ले लिया है। एक ऑटो चालक को शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर पीटा, क्योंकि उसने कहा था कि वह हिंदी और भोजपुरी बोलेगा, लेकिन मराठी नहीं। इस घटना का वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें चालक को सार्वजनिक रूप से माफी मांगते देखा गया। उसने कहा, “मैं महाराष्ट्र से माफी मांगता हूं।” यह घटना मराठी अस्मिता के नाम पर बढ़ते तनाव को दर्शाती है।
पिछले सप्ताह, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे ने 20 साल बाद मुंबई के वर्ली में एक संयुक्त रैली में मराठी भाषा की जीत का जश्न मनाया था, जब राज्य सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने का फैसला वापस लिया। दोनों नेताओं ने इसे मराठी अस्मिता की जीत बताया, लेकिन इस रैली के बाद गैर-मराठी भाषियों, खासकर हिंदी भाषियों पर हमले बढ़ गए हैं। मीरा रोड पर एक दुकानदार को मराठी न बोलने पर मनसे कार्यकर्ताओं ने थप्पड़ मारा था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ।
ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को हिंसा से बचने की सलाह दी
राज ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को हिंसा से बचने की सलाह दी, लेकिन कहा कि अगर कोई “नाटक” करता है, तो उसे “कान के नीचे” मारना चाहिए, बिना वीडियो बनाए। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि वह हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन मराठी का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने ठाकरे भाइयों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे बीएमसी चुनावों के लिए “सस्ती राजनीति” कर रहे हैं और हिंदी भाषियों को निशाना बनाना बंद करें।
विपक्षी दलों ने इस हिंसा की निंदा की है, इसे मराठी अस्मिता के नाम पर वोट बैंक की राजनीति बताया है। पुलिस ने कुछ मनसे कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है, लेकिन हमलावरों पर अभी तक सख्त कार्रवाई नहीं हुई है। यह विवाद आगामी बीएमसी चुनावों से पहले महाराष्ट्र की सियासत को और गर्मा सकता है।