नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने घोषणा की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून 24 मई को केरल में प्रवेश कर सकता है, जो पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी शुरुआत होगी। सामान्य रूप से, केरल में मानसून की शुरुआत 1 जून को होती है, लेकिन इस बार यह एक सप्ताह पहले शुरू होने की संभावना है। यह जानकारी इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दी गई है।
आईएमडी के अनुसार, मानसून की प्रगति के लिए अनुकूल परिस्थितियां मौजूद हैं, जिसमें बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में निम्न दबाव का क्षेत्र और तेज हवाएं शामिल हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार मानसून सामान्य से अधिक बारिश ला सकता है, जो कृषि और जल संसाधनों के लिए लाभकारी हो सकता है। केरल में मानसून की शुरुआत देश में बारिश के मौसम की शुरुआत का संकेत देती है, जो जून से सितंबर तक चलता है।
प्रशांत महासागर में ला नीना की स्थिति
इस जल्दी शुरुआत का कारण प्रशांत महासागर में ला नीना की स्थिति को माना जा रहा है, जो ठंडे समुद्री धाराओं को बढ़ावा देती है और भारत में मानसून को मजबूत करती है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति मध्य और उत्तरी भारत में भी सामान्य से अधिक बारिश ला सकती है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण बाढ़ का खतरा भी बढ़ सकता है।
जल्दी शुरुआत से किसानों को फायदा होगा
केरल में मानसून की जल्दी शुरुआत से किसानों को फायदा होगा, क्योंकि समय पर बारिश फसलों की बुवाई के लिए महत्वपूर्ण है। धान, मसाले और नारियल जैसे फसलों पर निर्भर केरल के किसानों के लिए यह अच्छी खबर है। हालांकि, मौसम विभाग ने भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी भी जारी की है, खासकर पहाड़ी क्षेत्रों में।
दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह
आईएमडी ने लोगों से सतर्क रहने और स्थानीय प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है। मानसून की प्रगति पर नजर रखने के लिए मौसम विभाग ने अपनी निगरानी बढ़ा दी है और अगले कुछ दिनों में और अपडेट जारी किए जाएंगे। यह जल्दी मानसून देश के अन्य हिस्सों में भी समय से पहले पहुंच सकता है, जिससे गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।