मुंबई। मशहूर अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने बॉलीवुड की रचनात्मकता पर सवाल उठाते हुए इसे ‘चोर’ करार दिया है। अपनी आगामी फिल्म ‘कॉस्टाओ’ के प्रचार के दौरान एक इंटरव्यू में उन्होंने हिंदी फिल्म उद्योग की नकल करने की प्रवृत्ति की कड़ी आलोचना की। नवाजुद्दीन ने कहा कि बॉलीवुड में मौलिकता की कमी है और यह दक्षिण भारतीय सिनेमा से कहानियां चुराने में लगा है। उन्होंने इस रुझान को रचनात्मक ठहराव का कारण बताया, जिसने उद्योग की गुणवत्ता को प्रभावित किया है।
पूजा तलवार के यूट्यूब चैनल पर बातचीत में नवाजुद्दीन ने कहा, “हमारी इंडस्ट्री में पांच साल तक एक ही चीज दोहराई जाती है। जब लोग बोर हो जाते हैं, तब उसे छोड़ा जाता है। असुरक्षा इतनी बढ़ गई है कि एक फॉर्मूला चल रहा हो तो उसे बार-बार दोहराया जाता है।”
सीक्वल और रीमेक की संस्कृति को ‘घटिया’ बताया
उन्होंने सीक्वल और रीमेक की संस्कृति को ‘घटिया’ बताया, जिसमें मौलिक कहानियों की जगह पुराने ढर्रे को अपनाया जाता है। नवाजुद्दीन ने यह भी खुलासा किया कि इस रचनात्मक कमी के कारण उनके मेंटर और फिल्म निर्माता अनुराग कश्यप ने बॉलीवुड छोड़ दिया।
चोर कहां से क्रिएटिव हो सकते हैं: नवाजुद्दीन सिद्दीकी
नवाजुद्दीन ने दक्षिण भारतीय सिनेमा की तारीफ करते हुए कहा कि बॉलीवुड ने उनकी कहानियों को बिना श्रेय दिए कॉपी किया है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “चोर कहां से क्रिएटिव हो सकते हैं?” यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जहां कुछ लोगों ने उनकी ईमानदारी की सराहना की, तो कुछ ने इसे बॉलीवुड के खिलाफ हमला माना।
‘कॉस्टाओ’ में नवाजुद्दीन एक गोवा कस्टम्स अधिकारी की भूमिका में हैं, जो तस्करी के खिलाफ लड़ता है। यह फिल्म ZEE5 पर स्ट्रीम हो रही है। उनकी यह टिप्पणी बॉलीवुड में रचनात्मकता और नवाचार की जरूरत पर बहस छेड़ सकती है। नवाजुद्दीन का यह बयान उद्योग के लिए आत्ममंथन का अवसर है, ताकि मौलिक कहानियों को बढ़ावा दिया जाए।