नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नक्सलवाद को लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि इस पर अंतिम हमले का समय आ गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद का सफाया हो जाएगा।
रायपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमित शाह ने कहा, “मुझे विश्वास है कि हमारी लड़ाई अंतिम चरण में पहुंच गई है और मार्च 2026 तक हम देश को पूरी तरह से नक्सलवाद से मुक्त करा पाएंगे।” अमित शाह की यह टिप्पणी छत्तीसगढ़ में अंतरराज्यीय समन्वय और वामपंथी उग्रवाद की स्थिति के साथ-साथ राज्य के वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास की समीक्षा के लिए बैठकें करने के बाद आई है।
मुख्यधारा में लाने की हुई कोशिश: शाह
अमित शाह ने रायपुर में कहा, “हम मानते हैं कि नक्सलवाद हमारे देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। पिछले चार दशकों में नक्सलवाद के कारण 17,000 लोगों की जान चली गई। जब से पीएम मोदी के नेतृत्व वाली बीजेपी केंद्र में सत्ता में आई है, हमने इसे एक चुनौती के रूप में स्वीकार किया है और जिन लोगों (नक्सलियों) के हाथों में हथियार हैं, उन्हें मुख्यधारा में लाने की कोशिश की है।”
योजना की रूपरेखा बनाने के लिए बैठक: शाह
उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बैठक इस मुद्दे से निपटने के लिए योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के लिए थी, जिसमें नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ सरकार की योजनाओं की 100 प्रतिशत संतृप्ति, ऐसे क्षेत्रों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की प्रगति और चुनौतियों को दूर करना शामिल था।