नई दिल्ली। नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात हुई भगदड़ में 18 लोगों की मौत के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है। विपक्षी दलों ने इस घटना के लिए सरकार की कड़ी आलोचना की है, जबकि सत्ता पक्ष ने विपक्ष पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगाया है।
विपक्ष का हमला
पूर्व रेल मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने इस घटना को रेलवे की “बदइंतजामी” का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “यह घटना बहुत दुखद है। रेलवे की लापरवाही के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। रेल मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए और इस्तीफा देना चाहिए।”
समाजवादी पार्टी (सपा) ने भी इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है। पार्टी ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ में हुई मौतें हृदयविदारक हैं। सरकार को भीड़ प्रबंधन में सुधार करना चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।”
सत्ता पक्ष की प्रतिक्रिया
हरियाणा के कैबिनेट मंत्री अनिल विज ने घटना पर दुख व्यक्त करते हुए कहा, “सरकार इस मामले की जांच के आदेश देगी। जो भी दोषी पाया जाएगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।”
सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने विपक्ष पर आरोप लगाया है कि वे इस दुखद घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “जब देश शोक में है, तब विपक्ष राजनीतिक गिद्ध की तरह व्यवहार कर रहा है। उन्हें इस समय राजनीति करने के बजाय पीड़ित परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए।”
रेलवे की कार्रवाई
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं और कहा है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये, और मामूली घायलों को 1 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ ने न केवल प्रशासनिक तैयारियों पर सवाल उठाए हैं, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच तीखी बहस को भी जन्म दिया है। जहां विपक्ष सरकार की आलोचना कर रहा है, वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष पर राजनीतिक लाभ उठाने का आरोप लगा रहा है। इस घटना से स्पष्ट है कि भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा उपायों में सुधार की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।